Gorakhpur : शहर में प्रस्तावित वेटनरी कॉलेज के लिए जिला प्रशासन अभी तक जमीन नहीं तलाश सका है. पिछले 5 वर्षों से इसके लिए जमीन की तलाश लगातार जारी है. 5 वर्षों में कई जगहों पर जमीन देखी गई. मगर, किसी कारण सभी प्रस्ताव निरस्त कर दिए गए. आजमगढ़ से शिफ्ट कर गोरखपुर में इसे प्रस्तावित किया गया है. इसके लिए शासन 600 करोड़ रुपए देने को तैयार है. इसके लिए जमीन के प्रपत्र भी मांगे जा रहे हैं. लेकिन अभी तक जिला प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है.
वर्ष 2018 में दीन दयाल पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान केंद्र मथुरा के सेटेलाइट सेंटर एवं संबद्ध वेटनरी कॉलेज के रूप में गोरखपुर में परियोजना स्वीकृत की गई. शुरू में इसकी लागत करीब 425 करोड़ रुपये आंकी गई थी जो बढ़कर 600 करोड़ रुपये हो चुकी है. वेटनरी कॉलेज के लिए जिला प्रशासन को सदर तहसील क्षेत्र में जमीन उपलब्ध करानी है. शासन की ओर से हाल में ही बजट उपलब्ध होने की जानकारी दी थी पशुपालन विभाग से उनके नाम से जमीन का प्रपत्र मांगा गया था. लेकिन अभी तक विभाग के नाम नहीं हुई है.
जिलाधिकारी गोरखपुर कृष्णा करुणेश ने बताया की गोरखपुर में वेटनरी कॉलेज बनाया जाना है. इसके लिए जिला प्रशासन जमीन की तलाश कर रहा है, जमीन जल्द है मिल जाएगी. जिसके बाद से पशुपालन विभाग के नाम से उसे कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि जिला प्रशासन का जमीन को लेकर काफी किरकिरी हुई है. गोरखपुर जिला प्रशासन की ओर से सबसे पहले चार गांवों में वेटनरी कॉलेज के लिए जमीन तलाशी गई थी. लेकिन फार्म हाउस के लिए यहां पर जमीन उपलब्ध नहीं थी. जिसके बाद दूसरी जमीन की तलाश शुरू की गई.
गोरखपुर के फर्टिलाइजर परिसर में जमीन देने की तैयारी थी लेकिन वहां भी किसी कारण से बात नहीं बनी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने जनरल डुमरी नंबर 2 में जमीन देखी. जमीन को पशुपालन विभाग के नाम से करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई थी. लेकिन वन विभाग ने उसे अपनी जमीन बताया जिसके बाद मामला फंस गया है. जिला प्रशासन द्वारा एक बार फिर जमीन की तलाश शुरू की गई.
अबकि बार खोराबार क्षेत्र में ताल कांदला में जमीन देखी गई. जहां निचला क्षेत्र होने के कारण मिट्टी की व्यवस्था की योजना भी बनाई गई है. लेकिन कुछ दिन बाद पता चला कि इस क्षेत्र की जमीन को भी निरस्त कर दिया गया. फिलहाल गोरखपुर में प्रस्तावित वेटरनरी कॉलेज के लिए जिला प्रशासन को जमीन नहीं मिली है. वह अभी जमीन की तलाश कर रहा है.
रिपोर्ट –कुमार प्रदीप, गोरखपुर