Jharkhand News: सड़क के लिए जमीन लेने के 10 साल बाद भी नहीं दिया मुआवजा, ठगा महसूस कर रहे गढ़वा के रैयत
Jharkhand News: गढ़वा जिला भू अर्जन विभाग की ओर से 10 साल में भी रैयतों को सड़क बनाने के लिए ली गयी जमीन का मुआवजा नहीं दिया गया. इस वजह से इस मद में प्राप्त आठ करोड़ रुपये को सरकार ने वापस ले लिए, जबकि शेष चार करोड़ रुपये यदि 15 जुलाई तक वितरण नहीं किया गया, तो वह भी विभाग को वापस हो जायेगा.
Jharkhand News: गढ़वा जिला भू अर्जन विभाग की ओर से 10 साल में भी रैयतों को सड़क बनाने के लिए ली गयी जमीन का मुआवजा भुगतान नहीं किया गया. इस वजह से इस मद में प्राप्त आठ करोड़ रुपये को सरकार ने वापस ले लिए, जबकि शेष चार करोड़ रुपये यदि 15 जुलाई तक वितरण नहीं किया गया, तो वह भी विभाग को वापस हो जायेगा. यह मामला रमना से मझिआंव भाया विशुनपुरा सड़क चौड़ीकरण से जुड़ा हुआ है. जानकार बताते हैं कि पथ निर्माण से पहले ही रैयतों को मुआवजा दे देने का प्रावधान है, लेकिन इस मामले में इसके विपरीत हुआ है. राशि प्राप्त हुए करीब 10 साल हो चुके हैं. पथ निर्माण विभाग की ओर से सड़क का निर्माण 30 मई 2014 को पूरा कर लिया गया है, लेकिन राशि का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि इस सड़क की कुल लंबाई 29.30 किमी है़ 26.59 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण पथ निर्माण विभाग ने कराया था़
ठगा महसूस कर रहे हैं रैयत
जानकारी के अनुसार रमना से मझिआंव भाया विशुनपुरा चौड़ीकरण पथ निर्माण के लिए पथ निर्माण विभाग को कार्य आवांटित किया गया था. पथ निर्माण विभाग ने संवेदक को 14 जुलाई 2012 को कार्य के एग्रीमेंट के साथ ही चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित जमीन के मुआवजे मद की राशि जिला भू अर्जन विभाग को भेज दी थी, लेकिन जिला भू अर्जन विभाग कागजी प्रक्रिया को अभी तक पूरा नहीं कर सका है़ बताया कि मुआवजे के लिए कागजी प्रक्रिया पूरी करने में विभाग के कर्मी अक्षम साबित हो रहे है़ं इस वजह से अब तक मुआवजे का वितरण नहीं किया गया़ दूसरी ओर जिन लोगों की जमीनें गयी हैं. ऐसे सैकड़ों रैयत स्वयं को ठगा हुआ महसूस कर रहे है़ं रैयत विशुनपुरा निवासी सुरेश प्रसाद ने बताया कि उनकी जमीन भी ले ली गयी और मुआवजा भी नहीं मिला, वे कई बार विभाग में गये, लेकिन उनको मुआवजा नहीं दिया गया़
क्यों हुई ऐसी स्थिति
बताया गया कि भूअर्जन के नये सिस्टम के अनुसार कोषागार में पीडी एकाउंट खोलकर विभाग राशि जमा करता है़ इस राशि को यदि दो साल के दौरान रैयतों के बीच वितरण नहीं किया गया, तो उसे सरकार वापस ले लेती है़ ऑनलाईन सिस्टम के हिसाब से इसके लिए किसी से अनुमति लेने या किसी को इसकी जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ती, बल्कि यह राशि स्वत: ऑनलाईन सिस्टम से वापस चली जाती है और इस राशि को सरकार दूसरी योजना में लगा देती है़ नये सिस्टम के हिसाब से यह राशि जिला कोषागार में पीडी एकाउंट खोलकर क्रमश : पीडी एकांउट में 25 फरवरी 2020 को आठ करोड़ तथा 15 जुलाई 2020 को चार करोड़ रखे गये थे़ इसमें से दो साल पूरे होने के अगले दिन इसी साल 16 जुलाई को स्वत: एकांडट से आठ करोड़ रूपये वापस चले गये, जबकि आनेवाले 15 जुलाई को शेष चार करोड़ रूपये भी वापस हो जायेंगे़ बताया गया कि सड़क निर्माण के साथ ही मुआवजे की भी राशि प्राप्त हुयी थी, लेकिन मुआवजे से संबंधित कागजी प्रक्रिया पूरी करने में लापरवाही बरती गयी, इस वजह से इसका भुगतान नहीं किया गया और यह स्थिति उत्पन्न हुयी़ अब यह राशि दोबारा प्राप्त करने के लिये भूअर्जन विभाग के पदाधिकारियों को काफी फजीहतें झेलनी पड़ेगी़ जानकार बताते हैं कि इस राशि को दोबारा प्राप्त करना आसान नहीं है.
Also Read: Jharkhand: रांची संत जेवियर्स कॉलेज के छात्रों की बस सिक्किम में पलटी, हेमंत सोरेन ने सीएम से की बात
सड़क बनी-टूटी और फिर से बननेवाली है
रमना से मझिआंव भाया विशुनपुरा चौड़ीकरण सड़क का निर्माण 30 मई 2014 को पूर्ण किया गया है. अब इस सड़क को फिर से बनाने की प्रक्रिया चल रही है़ पिछली बार यह सड़क 26.59 करेाड़ रूपये बनी थी, जबकि इस बार 53 करोड़ रूपये का प्राक्कलन बनाया गया है़ इसे स्वीकृति के लिये विभाग को भेजा गया है़ पथ निर्माण विभाग के लोगों का कहना है कि पिछली बार 15 टन कैपिसिटीवाली यह सड़क थी, लेकिन इस सड़क पर इससे ज्यादा क्षमता में बड़ी संख्या में बालू के ट्रक चले हैं, इस वजह से सड़क समय से पहले ही टूट गयी है़ अब इसे 60 से 70 टन की क्षमतावाला बनाया जायेगा.
जानकारी नहीं है : जिला भू अर्जन पदाधिकारी
इस संबंध में जिला भू अर्जन प्रभारी पदाधिकारी सह गढ़वा एसडीओ राज महेश्वरम ने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है. वे पूरी जानकारी लेकर बतायेंगे़
रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा