झारखंड : धनबाद के चापापुर में भू-धंसान, मलबे में दबकर एक व्यक्ति की मौत, गार्ड रूम क्षतिग्रस्त
ईसीएल की चापापुर कोलियरी पांच नंबर डिपो के समीप भू-धंसान होने से गार्ड रूम की दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जबकि कुछ दूर पर अवैध खनन कर रहे एक व्यक्ति के मलबा में दब कर मरने और तीन अन्य लोगों के घायल होने की खबर है. हालांकि, ईसीएल ने किसी की मौत की पुष्टि नहीं की है.
Jharkhand News: ईसीएल की चापापुर कोलियरी पांच नंबर डिपो के समीप मंगलवार की देर रात भू-धंसान होने से गार्ड रूम की दीवार का एक हिस्सा भरभरा कर गिर गया, जबकि यहां से 70 मीटर दूर अवैध खनन कर रहे एक व्यक्ति के मलबा में दब कर मरने और तीन अन्य लोगों के घायल होने की चर्चा है. इसीएल प्रबंधन मौत से इंकार कर रहा है. भू-ध्ंसान से 50 फीट के दायरे में दो फीट चौड़ी दरार पड़ गयी है. गार्ड रूम भी एक तरफ झुक गया है.
भू-धंसान स्थल की भराई शुरू
जमीन में कंपन होते ही सुरक्षा कर्मी सुरेश राजभर गार्ड रूम से बाहर निकल गया और इसकी जानकारी इसीएल प्रबंधन को दी. उसके बाद रात को ही कोलियरी के अधिकारी, सुरक्षा गार्ड एवं सीआईएसएफ जवान पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. बुधवार की सुबह देवियाना से चापापुर जाने वाले ग्रामीण पथ की दोनों तरफ से बैरिकेडिंग कर भू-धंसान स्थल की भराई शुरू कर दी गयी. इस दौरान गार्ड रूम में रखे कुछ आवश्यक कागजात, लाठी, डंडा आदि को सुरक्षित निकाल लिया गया है. घटनास्थल से करीब 300 मीटर दूरी पर चापापुर ओसीपी है.
किसी की मौत से ईसीएल का इंकार
ईसीएल चापापुर कोलियरी के प्रबंधक अजीत कुमार सिंह ने कहा कि गार्ड रूम के समीप जमीन धंसने के कारण रूम क्षतिग्रस्त हो गया है. उसके मलबा से जानमाल की क्षति नहीं हुई है. दीवार गिरने के कंपन से मलबा में दब कर एक की मौत से उन्होंने इंकार किया. कहा यह महज अफवाह है.
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आधा दर्जन से अधिक अवैध माइंस हैं डिपो के पास संचालित
चापापुर के पास जिस जगह भू-धंसान हुई है, उससे 50- 70 फीट की दूरी पर आधा दर्जन से अधिक अवैध खननस्थल हैं. आसपास के ग्रामीण अवैध खनन करते हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार अवैध खदान में कंपन होने के कारण मंगलवार की रात को मलबा गिर गया, जिसमें अवैध उत्खनन कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गयी. आनन-फानन में उसे लोग लेकर भाग निकले, जबकि मलबा से तीन लोगों को भी चोटें भी आयी. गोपनीय रूप से उनका इलाज करवाया जा रहा है.
डेंजर जोन घोषित
मालूम हो कि चापापुर डंपिंग एरिया के पीछे अवैध उत्खनन स्थल से भारी मात्रा में अवैध खनन करने के बाद कोयला को जंगल में शिफ्ट करवाया जाता है. इसके बाद बरवा क्षेत्र के चिह्नत उद्योगों के अलावा कोयला को कालूबथान दामोदर घाट के रास्ते से रघुनाथपुर एवं जामताड़ा भेजा जाता है. जहां मलबा गिरा, वहां पहले थी विभागीय माइंस चली थी. सूत्रों के अनुसार पूर्व में प्रबंधन द्वारा छोड़े गये पिलर को कोयला तस्करों ने अवैध रूप से काट दिया है. उस कारण यह घटना घटी. प्रबंधन द्वारा घटनास्थल से महज 25- 30 फीट दूर देवियाना से चापापुर पहुंचने वाले पहाड़ी पथ को डेंजर जोन घोषित किया जा चुका है.