Loading election data...

Jharkhand News: धनबाद की कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में भू-धंसान, दहशत में लोग

शुक्रवार की सुबह भयंकर आवाज के साथ कापासाड़ा आउटसोर्सिंग सुभाष कॉलोनी के समीप भू-धंसान हो गई. 100 मीटर के दायरे में करीब 5 फीट जमीन नीचे धंस गई, जहां घटना घटी है वहां ईसीएल प्रबंधन उत्पादन करता है. ठीक इससे सटे क्षेत्र में आसपास के लोग एवं मजदूर अवैध उत्खनन करते हैं.

By Guru Swarup Mishra | November 18, 2022 1:39 PM
an image

Jharkhand News: धनबाद जिले के ईसीएल मुगमा क्षेत्र की कापासारा आउटसोर्सिंग कोलियरी में शुक्रवार की सुबह एक सौ मीटर दायरे में भू-धंसान हुई है. इस घटना के बाद वहां कई लोगों के मलबे में दबने की चर्चा जोरों पर थी. घटना के बाद आउटसोर्सिंग के समीप बिहार-बंगाल धौड़ा का 40 परिवार दहशत में है. धौड़ा से कुछ ही दूरी पर ये घटना घटी है. धौड़ा जाने वाले कच्चे रास्ते में भी दरार पड़ गई है. ईसीएल प्रबंधन द्वारा उस क्षेत्र को पहले ही डेंजर जोन घोषित किया गया है. धौड़ा के लोगों को कई बार वहां खाली करने का नोटिस भी दिया गया है.

5 फीट नीचे धंस गई जमीन

इस संबंध में बताया जाता है कि शुक्रवार की सुबह भयंकर आवाज के साथ कापासाड़ा आउटसोर्सिंग सुभाष कॉलोनी के समीप भू-धंसान हो गई. 100 मीटर के दायरे में करीब 5 फीट जमीन नीचे धंस गई, जहां घटना घटी है वहां ईसीएल प्रबंधन उत्पादन करता है. ठीक इससे सटे क्षेत्र में आसपास के लोग एवं मजदूर अवैध उत्खनन करते हैं. इधर, कुछ लोगों के दबे होने की चर्चा से काफी संख्या में स्थानीय लोगों की भीड़ वहां जुट गई है. घटना की सूचना पाकर पुलिस, सीआईएसएफ एवं ईसीएल की पेट्रोलिंग पार्टी भी मौके पर पहुंची.

Also Read: Jharkhand Weather Forecast:झारखंड में कैसा रहेगा मौसम का मिजाज, कब से बढ़ रही है ठंड, ये है लेटेस्ट अपडेट

सर्च ऑपरेशन से टली अप्रिय घटना

मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार की देर रात तक निरसा एसडीपीओ पीतांबर सिंह खरवार, थाना प्रभारी दिलीप यादव, सीआईएसएफ पश्चिम बंगाल सीतलपुर की टीम द्वारा एक संयुक्त टास्क फोर्स बनाया गया. टास्क फोर्स ने देर रात वहां अवैध उत्खनन कर रहे लोगों को खदेड़ा. करीब 2 घंटे तक वहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया. अगर संयुक्त टीम द्वारा देर रात यह कार्रवाई नहीं की जाती तो वहां अप्रिय घटना घट सकती थी.

कापासारा आउटसोर्सिंग विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है. सुबह से शाम तक आउटसोर्सिंग प्रबंधन द्वारा उत्पादन करने के बाद वहां आसपास के क्षेत्र में रहने वाले लोग एवं मजदूर अवैध उत्खनन करने लगते हैं. बीच-बीच में अवैध उत्खनन कार्य बंद रहता है. कुछ दिनों के बाद यह धंधा फिर जारी हो जाता है. संगठित गिरोह द्वारा अवैध उत्खनन करवाने के बाद अवैध कोयला को साइकिल, स्कूटर के माध्यम से आसपास के क्षेत्र के चिन्हित उद्योगों के अलावा नदी घाट के माध्यम से पश्चिम बंगाल भेजी जाता है. सुबह भू-धंसान के बाद पूरे क्षेत्र में आग की तरह यह बात फैल गई कि 15 लोगों की मौत दबकर हो गई है. इस सूचना के बाद पूरे मुगमा क्षेत्र के लोग वहां पहुंच गए, लेकिन दबने वाले लोग कौन थे, कहां के थे. इसकी जानकारी किसी के पास नहीं थी. प्रबंधन सूत्रों ने आसपास के लोगों से भी जानकारी प्राप्त की, लेकिन उन लोगों के पास भी मरने वालों की जानकारी नहीं थी.

इसीएल प्रबंधन एवं सीआईएसफ घटनास्थल पर कर रहे जांच

कापासारा कोलियरी प्रबंधन से लेकर आउटसोर्सिंग प्रबंधन, वहां कार्यरत मजदूर, सीआईएसफ विभिन्न श्रम संगठन, सुरक्षा विभाग से जुड़े लोग वहां पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. जानकार सूत्रों के अनुसार डिपार्टमेंटल माइंस के समीप बनाया हुआ अवैध उत्खनन स्थल का भी निरीक्षण प्रबंधन ने सुरक्षाकर्मियों से करवाया है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक किसी के मरने की पुष्टि नहीं हुई है. इसीएल एवं आउटसोर्सिंग प्रबंधन द्वारा धंसान क्षेत्र को घेरकर एवं वहां पर पे-लोडर एवं जेसीबी के माध्यम से खुदाई करवाकर मिट्टी से भराई का कार्य करवाया जा रहा है. उस रास्ते से तत्काल किसी के भी आने जाने पर रोक लगा दिया गया है.

रिपोर्ट : अरिंदम, निरसा, धनबाद

Exit mobile version