धनबाद के दहीबाड़ी ओसीपी में 500 मीटर के दायरे में भू-धंसान, मशीनें व आधा दर्जन बंद क्वार्टर जमींदोज
धनबाद के पंचेत बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी ओसीपी के चालू खदान में भयंकर आवाज के साथ 500 मीटर के दायरे में भू-धंसान हुई. इसकी गहराई लगभग 50 फुट आंकी गयी है. चालू खदान में भू-धंसान के कारण एक करोड़ रुपये से अधिक की अत्याधुनिक हाइड्रोलिक ड्रील मशीन का ड्रील बूम करीब जमींदोज हो गयी.
Dhanbad news: धनबाद के पंचेत बीसीसीएल सीवी एरिया के दहीबाड़ी ओसीपी के चालू खदान में भयंकर आवाज के साथ 500 मीटर के दायरे में भू-धंसान हुई. इसकी गहराई लगभग 50 फुट आंकी गयी है. चालू खदान में भू-धंसान के कारण एक करोड़ रुपये से अधिक की अत्याधुनिक हाइड्रोलिक ड्रील मशीन का ड्रील बूम करीब जमींदोज हो गयी. हालांकि मशीन का कुछ हिस्सा बाहर से नजर आ रहा है.
करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान
खदान के अंदर से पानी निकालने वाली 500 एचपी का एक पंप भी जमीन में दब गया. अचानक वहां बिजली के तार एवं पोल से भयंकर रूप से चिंगारी निकलने लगी. कुछ ही समय के अंदर आधा दर्जन से अधिक बिजली के हाइटेंशन पोल क्षतिग्रस्त हो गये. दो पोल जमीन पर गिर भी गये. तार भी क्षतिग्रस्त हो गया. खदान के ऊपर मे लाखों क्यूबिक मीटर मिट्टी व पत्थर धंस कर पानी में समा गये. इस कारण ओसीपी से सौ मीटर की दूरी पर स्थित कंपनी के आधा दर्जन बंद क्वार्टरों के कुछ हिस्से जमींदोज हो गये. डेंजर जोन के कारण उन पुराने क्वार्टरों में कोई नहीं रहते थे. इसके अलावा महतो टोला निवासी राजकुमार महतो का एक एडबेसटस घर भी जमींदोज हो गया. उसमें रखे पलंग, टीवी, बर्तन, पंखे सभी समा गये.
विभागीय कर्मियों की सजगता के कारण नहीं फैली आग
विभागीय कर्मियों की सजगता से बिजली आपूर्ति बाधित कर दी गयी. इस कारण चिंगारी दूर तक नहीं फैली. नहीं तो कुछ ही दूरी पर अवस्थित मुंडा धौड़ा में चिंगारी जा सकती थी. रात में तैनात गार्ड का कहना है कि ड्यूटी के दौरान अचानक बिजली तार एक दूसरे के सटने के चिंगारी निकलने लगी. उसके बाद सभी ने दौड़ कर जान बचायी. अगर धंसान में फंस जाते तो बड़ा हादसा हो सकता था. घटना से पूरे दहीबाड़ी क्षेत्र में अफरा-तफरी मची हुई है. वहां कार्यरत कर्मी दहशत में हैं. बीसीसीएल मुख्यालय के अधिकारियों का घटनास्थल आना शुरू हो गया है.
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बेंच नहीं रहने के कारण धंसी जमीन
राजमहल ललमटिया खुली खदान में 29 दिसंबर 2016 को हुई खान दुर्घटना में 23 मजदूरों की जान चली गयी थी. यहां की दुर्घटना भी ठीक उसी तरह की ही है. लालमटिया दुर्घटना का मुख्य कारण था कि उस खदान के अंदर बेंच नहीं थी. बताया जा रहा है कि यहां भी सुरक्षा मानक के तहत बेंच नहीं रहने के कारण दुर्घटना घटी है.