Jharkhand News: झारखंड के रामगढ़ में तेज आवाज के साथ भू-धंसान, कई मकानों में पड़ीं दरारें, दहशत में लोग
सुबह होते-होते शैलेश सहित आसपास के कई लोगों के मकान में भी दरारें पड़ गयी थीं. इससे क्षेत्र के लोगों में दहशत है. पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर कंपनी के अधिकारी तत्काल राहत कार्य में जुटे. पीड़ित परिवार को रहने के लिए कंपनी का क्वार्टर मुहैया कराया गया. खाने-पीने की व्यवस्था करायी गयी.
घाटोटांड़ (रामगढ़), रवींद्र कुमार. टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन के बोरिंग कैंप फायर ब्रिगेड के सामने बुधवार की रात करीब ढाई बजे तेज आवाज के साथ भू-धंसान से करीब आधा दर्जन मकानों में दरारें पड़ गयीं. जमीन के साथ मकान की दीवार दरकने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गये. तेज अवाज के साथ मकानों में दरारें देख इन घरों में रहने वाले लोग डर गये. भय के कारण लोग कड़ाके की ठंड में भी घरों से बाहर निकल गए और रात गुजारी.
तेज आवाज के साथ दरकने लगीं दीवारें
बताया जा रहा है कि सबसे पहले शैलेश कुमार साव का मकान क्षतिग्रस्त हुआ. इसका परिवार सबसे पहले घर से बाहर निकाल कर मदद की गुहार लगाने लगा. रात में ही आसपास के लोग पहुंच कर सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त शैलेश कुमार साव, उसकी दो बहनें व उनके परिवार के अन्य लोगों को दिलासा दिलाते हुए उसका सामान घर से बाहर निकालने में मदद की. पीड़ित परिवार ने बताया कि रात्रि लगभग ढाई बजे जोरदार आवाज के साथ जमीन दरकने लगी. इससे उनके मकान की दीवारों में दरारें आने लगीं. धीरे-धीरे आवाज के साथ दरारें बढ़ने लगीं. जमीन फटने की आवाज सुनकर गहरी नींद में सोये परिवार के सदस्य अचानक चौक गये. उस समय उन्हें घर में चोर घुसने की आशंका हुई, लेकिन कुछ देर बाद ही जब उनकी नजरें घर की दिवार और जमीन पर पड़ी तो सभी डर से कांप उठे. उनकी बहन रीना देवी व बहनोई शिवनंदन साव सहित उसका परिवार और उनकी बड़ी बहन (विधवा) सरिता देवी (पति स्व भुनेश्वर साव) एवं उसका परिवार बाहर निकल गए.
इलाके के लोगों में दहशत
सुबह होते-होते शैलेश सहित आसपास के कई लोगों के मकान में भी दरारें पड़ गयी थीं. इससे क्षेत्र के लोगों में दहशत है. पीड़ित परिवार की सुरक्षा को लेकर कंपनी के अधिकारी तत्काल राहत कार्य में जुटे. घटना की सूचना मिलते ही राकोमयू के नेता व स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. टाटा स्टील प्रबंधन द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्य में सहयोग किया. कंपनी के सीईपी विभाग के चीफ राजेश कुमार, हेड स्टेक-होल्डर पंकज कुमार, हेड आर एंड आर आरके सिंह सहित कई अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को रहने के लिए कंपनी का क्वार्टर मुहैया कराया. इसके अलावा उन्हें खाने पीने की व्यवस्था भी करायी.
Also Read: झारखंड के 27 आईएफएस अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक बनायी गयीं शैलजा सिंह
भूगर्भ खदान पर बना है अस्थायी कच्चा मकान
टाटा स्टील वेस्ट बोकारो डिवीजन के जिस क्षेत्र में भू-धंसान हुआ है. पहले उस जमीन के नीचे भूगर्भ खदान चला हुआ है. उसी जमीन के ऊपर लोगों द्वारा अस्थायी कच्चा मकान बनाया गया है. बताया जा रहा है कि उसी जमीन के धंसने से मकानों में दरार आयी है.
स्थिति पर पैनी नजर
टाटा स्टील वेस्ट बोकारो खनन कार्यों से दूर और सेटलमेंट क्षेत्रों के पास भूमि और कुछ घरों में दरारें पड़ने की सूचना मिली है. कंपनी इस मामले की जांच कर रही है और इस घटना की सूचना संबंधित अधिकारियों को दे दी गयी है. एहतियाती सुरक्षा कदम के रूप में कंपनी आसपास रहने वाले सभी लोगों को निकाल रही है और उन्हें कंपनी के वेस्ट बोकारो हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में स्थानांतरित कर रही है. हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और स्थानीय समुदायों और जिला अधिकारियों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहे हैं.