Loading election data...

लता मंगेशकर ने जब फिल्मफेयर अवॉर्ड लेने से कर दिया था इंकार, ये थी वजह

महान गायिका और भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वह पिछले 28 दिनों से भर्ती थीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2022 6:26 PM
an image

महान गायिका और भारत रत्न लता मंगेशकर का 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया. उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां वह पिछले 28 दिनों से भर्ती थीं. अनुभवी गायक के डॉक्टर डॉ. प्रतीत समदानी ने एक बयान जारी कर खुलासा किया कि लता दीदी का निधन कई अंगों की विफलता के कारण हुआ था. राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है और भारत की कोकिला को याद कर रहा है, उनके गीत हमेशा हमारे साथ रहेंगे.

फिल्मफेयर अवॉर्ड लेने से इंकार कर दिया था

लगभग 8 दशकों के अपने करियर के दौरान, लता मंगेशकर को भारतीय संगीत उद्योग में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि महान गायक ने एक बार फिल्मफेयर पुरस्कार लेने से क्या मना कर दिया था. इसके पीछे उन्होंने एक अहम पहलू साझा किया था.

‘आजा रे परदेसी’ के फिल्मफेयर अवॉर्ड

1958 में लता मंगेशकर को उनके गीत ‘आजा रे परदेसी’ के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका के लिए नामांकित किया गया था. हालांकि, उन्होंने फिल्मफेयर को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और इसे एक ऐसी महिला के आकार में डिजाइन किए जाने पर आपत्ति जताई, जिस पर कपड़े नहीं थे. इसके बाद, आयोजकों ने पुरस्कार को एक कपड़े से लपेटा और उन्हें भेंट किया.

भारत रत्न से सम्मानित हैं लता मंगेशकर

लता मंगेशकर के पुरस्कारों के बारे में बात करते हुए, वह तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सात फिल्मफेयर पुरस्कार और कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं. 1989 में, उन्हें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 2001 में, लता दीदी को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार – भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण, महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार, एनटीआर राष्ट्रीय पुरस्कार और एएनआर राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.

Also Read: जब इंदौर के उस्ताद अमीर खां की सलाह पर लता मंगेशकर ने लिया था ‘‘मौनव्रत”
कई पीढ़ियों को दी आवाज

लता मंगेशकर ने मधुबाला से लेकर प्रीति जिंटा तक कई पीढ़ियों के फिल्मी कलाकारों के लिए पार्श्व गायन किया. दक्षिण एशिया में लाखों लोग मंगेशकर की ‘स्वर्णिम आवाज’ से अपने दिन की शुरुआत करते हैं और सुकून देने वाली उनकी आवाज सुनकर ही अपना दिन खत्म करते हैं. उन्हें ‘सुर सम्राज्ञी’, ‘स्वर कोकिला’ और ‘सहस्राब्दी की आवाज’ समेत कई उपनाम दिए गए. उन्हें उनके प्रशंसक लता दीदी के नाम से संबोधित करते थे.

Exit mobile version