Jharkhand news (आशीष टैगोर, लातेहार) : लातेहार का ब्लड बैंक इन दिनों खुद खून की कमी से जूझ रहा है. रक्तदान शिविरों में रक्तदाताओं की कम उपस्थिति के कारण ब्लड बैंक में विभिन्न समूह (ग्रुप) के खून का अभाव हमेशा बना रहता है. ऐसे में रोगियों के परिजन खासे परेशान होते हैं.
तत्कालीन डीसी कमल किशोर सोन ने 4 अप्रैल, 2005 में ब्लड बैंक भवन का लोकार्पण किया गया था. 20 अगस्त, 2006 को ब्लड बैंक का लाइसेंस निर्गत किया गया. प्रारंभिक दौर में रेडक्रास सोसाइटी के माध्यम से ब्लड बैंक का संचालन किया गया. लेकिन, ब्लड बैंक भवन में बिजली की लचर व्यवस्था एवं आवंटन के अभाव में इसे बंद कर दिया गया.
वर्ष 2017 में सदर अस्पताल से सौर ऊर्जा द्वारा बिजली प्रदान किये जाने के बाद ब्लड बैंक का दोबारा संचालन शुरू किया गया. अब यह स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संचालित होता है. ब्लड बैंक के लैब टेक्निशियन विनय कुमार सिंह ने बताया कि ब्लड बैंक को 6 फ्रीज उपलब्ध कराये गये हैं जिसमें 300 यूनिट तक रक्त संग्रह किया जा सकता है. लेकिन, रक्तदान शिविरों में रक्त दाताओं की कमी के कारण यहां हमेशा खून का अभाव रहता है. वहीं, हर महीने औसतन 40 से 45 यूनिट खून की खपत होती है.
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ब्लड बैंक में 25 जुलाई को 5 यूनिट खून उपलब्ध था. जबकि 24 जुलाई को 4, 23 जुलाई को 4, 22 जुलाई को 5 और 21 जुलाई को 5 यूनिट खून उपलब्ध था.
लातेहार डीसी अबु इमरान ने युवाओं से रक्तदान करने के लिए आगे आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मानव रक्त का कोई विकल्प नहीं है. रक्तदान करके ही रक्त का संग्रहण किया जा सकता है. उन्होंने पिछले दिनों एक बैठक में जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को भी रक्तदान करने की अपील की. इसके लिए उन्होंने सिविल सर्जन को प्रखंडवार तिथि निर्धारित करने का भी निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि रक्त संग्रहण के लिए रक्तदान शिविरों का आयोजन करना आवश्यक है.
डीसी अबु इमरान के निर्देश पर ब्लड बैंक को व्यवस्थित एवं इसके लाइसेंस की रिन्यूअल की प्रक्रिया शुरू की गयी है. सिविल सर्जन, लातेहार ने गत 19 जुलाई को अपने कार्यालय के ज्ञापांक 938 के माध्यम से ब्लड बैंक में अतिरिक्त चिकित्सा कर्मियों की प्रतिनिधि नियुक्ति की गयी है, ताकि इसे सुचारू रूप से चलाया जा सके.
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रेड क्रॉस सोसाइटी के सचिव विकास कांत पाठक ने बताया कि रक्तदान करने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान समूह नामक एक वाटसएप ग्रुप का गठन किया है. जरूरत पड़ने पर ग्रुप के सदस्य जरूरतमंदों के लिए रक्तदान करते हैं. श्री पाठक ने बताया कि अब तक ग्रुप के सदस्यों ने 200 यूनिट से अधिक रक्तदान किया है. लातेहार में आयोजित रक्तदान शिविरों मे लोगों की उपस्थिति काफी ही निराशाजनक होती है. हालांकि, उन्होंने कहा कि जन्मदिन या अन्य शुभ अवसरों पर लातेहार में रक्तदान करने की एक अच्छी परंपरा की शुरुआत हुई है.
Posted By : Samir Ranjan.