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लातेहार : सेंधू मुंडा के परिजनों का शव लेने से इंकार, BJP ने की विचाराधीन कैदी की मौत की न्यायिक जांच की मांग

लातेहार मंडल कारा में विचाराधीन कैदी की मौत के बाद मृतक के परिजनों में जेल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है. चंदवा पुलिस की सूचना पर सदर अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजनों ने सेंधू का शव लेने से इंकार कर दिया है. परिजनों ने कहा कि जेल में बंद उनके गांव के सभी 12 लोगों को सदर अस्पताल लाया जाये.

लातेहार मंडल कारा में विचाराधीन कैदी की मौत के बाद मृतक के परिजनों में जेल प्रशासन के खिलाफ आक्रोश देखा जा रहा है. चंदवा पुलिस की सूचना पर सदर अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजनों ने सेंधू का शव लेने से इंकार कर दिया है. परिजनों ने कहा कि जेल में बंद उनके गांव के सभी 12 लोगों को सदर अस्पताल लाया जाये.

उसके बाद उनसे बात करेंगे कि सेंधू की मौत कैसे हुई है. शुक्रवार को हेसला गांव की कई महिलाएं जेल में बंद आरोपियों से मिलने पहुंचीं थीं. मृतक की भाभी पार्वती देवी ने कहा कि जेल में बंद सभी लोगों ने कहा कि तुम लोग गांव में मिल कर रहना और बच्चों की अच्छी तरह देखभाल करना. अचानक शनिवार को सूचना मिलती है कि उसके देवर सेंधू मुंडा की मौत हो गयी. सेंधू मुंडा की तीन पुत्री व एक पुत्र है, जिसके लालन पालन की जिम्मेवारी अब उसकी पत्नी रीना देवी के कंधे पर आ गयी.

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सेंधू को पहले से कोई बीमारी नहीं थी : परिजन

मंडल कारा कार्यालय के कर्मी द्वारा मृतक सेंधू मुंडा का शव देने के लिए परिजन को बुलाया गया था. उसने सरकारी कागज पर अंकित शब्दों को पढ़कर सुनाया, जिसमे लिखा हुआ था कि सेंधू मुंडा को तबीयत खराब हालत में ही जेल मे आया था. शनिवार की सुबह 10.52 मिनट पर सदर अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इसके बाद परिजन शव लेने से इंकार कर दिये. वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल के सरकारी रजिस्टर में सेंधू मुंडा के भर्ती का समय भी 10.52 मिनट है. ऐसे में अस्पताल में भर्ती होते ही मरीज की मौत हो जाना कई सवालों को जन्म देता है. मृतक के परिजनों ने बताया कि सेंधू को पहले से कोई बीमारी नहीं थी.

सेंधू को लाठी से पीटा गया था

शनिवार को जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र से कई मामले में बंद विचाराधीन छह बंदियों को जमानत पर छोड़ा गया था. जिसमें से कई लोगों ने नाम नहीं छापने क शर्त पर बताया कि शनिवार की सुबह जेल के जमादार व दो पुलिस के जवानों ने सेंधू की लाठी से पिटाई की थी. सेंधू की कसूर सिर्फ इतना था कि वह रात में शोर मचाया था.

सेंधू मुंडा की मौत की न्यायिक जांच हो : प्रतुल शाहदेव

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने सेंधू मुंडा की मौत की न्यायिक जांच की मांग की है. श्री शाहदेव ने कहा कि जेल में बंद विचाराधीन कैदी सेंधू मुंडा की मौत से कई सवाल खड़े होते हैं. सेंधू के शरीर पर कई जगह गहरे चोट के निशान हैं, जो इस बात को बल दे रहा है कि सेंधू की प्राकृतिक मौत नहीं है. जेल प्रशासन उक्त मामले में लीपापोती करने का प्रयास कर रहा है. श्री शाहदेव ने कहा कि आदिवासी हितों की बात कहने वाली हेमंत सोरेन सरकार में एक आदिवासी की मौत पुलिस की अभिरक्षा में हो गयी है. सेंधू मुंडा की पत्नी पर प्रशासन द्वारा दबाव डालने की बातें भी सामने आ रही है. श्री शाहदेव ने सेंधू मुंडा के शरीर पर गहरे जख्मों की तस्वीर को ट्वीट कर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को टैग करते हुए कार्रवाई की मांग की है.

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