Ghaziabad Lawyer Murder: गाजियाबाद में बुधवार को अधिवक्ता के सनसनीखेज मर्डर मामले में पुलिस ने हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने अधिवक्ता मनोज चौधरी की हत्या के मामले में उसके जीजा अमित डागर और जीजा के भाई नितिन डागर सहित एक अन्य हत्यारोपी को गिरफ्तार किया है.
पुलिस ने वारदात में प्रयुक्त अहसलहा और मोटरसाइकिल भी बरामद कर ली है. इस प्रकरण में गाजियाबाद पुलिस ने फिलहाल हत्या की वजह का खुलासा नहीं किया है. माना जा रहा है कि पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हत्या की वजह बताई जाएगी. अभी तक की जानकारी में सामने आया है कि अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू की हत्या की साजिश उसके जीजा अमित डागर व उसके छोटे भाई नितिन डागर ने एक दिन पूर्व ही रच ली थी.
योजना के मुताबिक दोनों ने तमंचे का इंतजाम किया. इसके बाद बुधवार को अमित डागर अपने ग्रेटर नोएडा ऑफिस पहुंच गया और पुलिस से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल फोन ऑफिस में ही छोड़ दिया.
वह साले के चैंबर के पड़ोस में अपने भाई नितिन डागर के चैंबर पर पहुंचा और नितिन को तमंचा देकर मनोज चौधरी को गोली मारने के लिए कहा. इसके बाद दोनों ने मुंह पर नकाब बांधा और बेखौफ होकर चैंबर में घुस गए. इसके बाद मनोज की कनपटी पर तमंचा सटाकर गोली मार दी.
सब कुछ इतनी तेजी से अंजाम दिया गया कि न तो मनोज चौधरी अपना बचाव कर सके और न ही चैंबर में मौजूद तीन अन्य लोग समझ पाए कि यह क्या हो गया. चंद सेकेंड में वारदात को अंजाम दिया गया. बाद में पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे देखे तो पता चला कि दोनों अपनी बाइक कुछ दूरी पर खड़ी करके आए थे. बाइक से ही भाग निकले.
वहीं मनोज की बड़ी बहन सरिता के मुताबिक पति ने बुधवार को फोन करके धमकी दी थी, आज तेरा रक्षाबंधन बिगाड़ दूंगा. वह पहले भी भाई मनोज की हत्या की धमकी दे चुका था. उन्हें लगा कि ऐसे ही धमकी दे रहा होगा. उन्हें क्या पता था कि इस बार उसने हत्या की तैयारी कर रखी है.
सरिता ने बताया कि मनोज चार बहनों का अकेला भाई था. बहनों में वह सबसे बड़ी है. उसकी शादी दुहाई के मूल निवासी अमित डागर से हुई थी. उनका सुरालियों से विवाद चल रहा है. आरोप है कि पति शराब के नशे में उनके साथ मारपीट करता है. विवाद बढ़ने के कारण वह मायके में रह रही हैं. पति उन पर तलाक देने का दबाव बनाता है.
आरोप है कि 15 जनवरी को शराब के नशे में अमित ने अपनी लाइसेंसी पिस्टल से पत्नी, बच्चों और मां पर गोलियां चलाई थीं, जिनमें से एक गोली उसकी मां को लगी थी. उस मामले में अमित जेल जा चुका है. मामले में अमित के पिता ने कविनगर थाने में केस दर्ज कराया था. अमित की पिस्टल पुलिस के कब्जे में है. पुलिस ने 10 फरवरी को मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था.
सरिता ने बताया कि उसके बाद वह मायके आ गईं. समझौता होने के बाद वह 16 अप्रैल को फिर ससुराल चली गईं. फिर भी पति की आदत में सुधार नहीं आया. वह फिर उनके साथ मारपीट करने लगा तो 24 जून को मायके आ गईं. उनका एक बेटा और एक बेटी है. बेटा अपने पिता के साथ रहता है और बेटी उनके साथ रहती है.
सरिता ने बताया कि उनके पति अमित डागर ने हत्याकांड को सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया. इसी वजह से वह अपना मोबाइल फोन दफ्तर में छोड़कर आया था ताकि पुलिस उसकी लोकेशन चेक करे तो वह पकड़ में नहीं आए. उन्हें इसका पता उनके बेटे से लगा.
एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया कि घटना में इस्तेमाल अमित की बाइक उसके चिरंजीव विहार स्थित घर पर मिली है. यह कुछ दिन पहले ही खरीदी गई थी. इस पर नंबर भी नहीं है. यह बाइक फुटेज में नजर आ रही है.
सरिता के मुताबिक बेटे के बाद उन्होंने अपनी देवरानी को फोन किया. उससे पूछा कि पति और देवर के बारे में बताया. देवरानी ने घबराते हुए बताया कि अमित ने नितिन से कहा था कि उसे पिस्टल दे दे. इस पर नितिन ने घर से अपनी लाइसेंसी पिस्टल निकालकर उसे दी थी. सरिता का कहना है कि देवरानी की बातों से पता चल गया कि वारदात में पति और देवर शामिल हैं. निश्चित रूप से गोली अमित ने ही चलाई होगी क्योंकि नितिन की पिस्टल उसके ही पास थी. वह कई दिनों से धमकी दे रहा था. पुलिस ने उन्हें हमलावरों के सीसीटीवी फुटेज दिखाए. वह पहचान गईं कि हमलावर कोई और नहीं, उनके पति और देवर ही हैं.