UP: 11 सितंबर से काम पर लौटेंगे अधिवक्ता मगर आंदोलन रहेगा जारी, हाईकोर्ट जज की अध्यक्षता में विशेष समिति गठित
इस बीच शनिवार को विशेष सुनवाई में इलाहाबाद हाई हाई कोर्ट ने वकीलों पर अत्याचार के संबंध में यूपी बार काउंसिल की शिकायतों पर विचार करने के लिए विशेष समिति का गठन किया. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने बार काउंसिल द्वारा दायर आवेदन पर यह आदेश पारित किया.
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में वकीलों पर लाठीचार्ज के खिलाफ न्यायिक कार्य का बहिष्कार कर रहे अधिवक्ता सोमवार से काम पर लौटेंगे. इससे अदालतों में न्यायिक कार्य फिर से शुरू हो सकेंगे. हालांकि वकीलों का आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है.
अधिवक्ता 29 अगस्त से हैं कार्य बहिष्कार पर
बार काउंसिल के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 16 सितंबर को अधिवक्ता सभी जनपद मुख्यालय पर और इसके बाद 20 अक्तूबर को विधानसभा का घेराव करेंगे. दरअसल हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज के मामले में अधिवक्ता 29 अगस्त से कार्य बहिष्कार पर हैं.
विशेष समिति का गठन
इस बीच शनिवार को एक विशेष सुनवाई में इलाहाबाद हाई हाई कोर्ट ने यूपी में वकीलों पर अत्याचार के संबंध में यूपी बार काउंसिल की शिकायतों पर विचार करने के लिए एक विशेष समिति का गठन किया. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी की खंडपीठ ने यूपी बार काउंसिल द्वारा दायर एक आवेदन पर शनिवार को यह आदेश पारित किया.
प्रकरण में शिव किशोर गौड़, अध्यक्ष, जय नारायण पांडेय, सदस्य सचिव और मधु सूदन त्रिपाठी, सदस्य, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के साथ वरिष्ठ वकील अनूप त्रिवेदी की ओर से मामले में तत्काल सुनवाई के लिए किए गए उल्लेख पर पीठ ने विशेष समिति का गठन किया है.
बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश ने अपने सचिव और इसके अध्यक्ष और सदस्य सचिव के जरिए एक आवेदन दायर किया गया है, जिसमें आवेदक की ओर से 7 सितबंर 2023 के आवेदन में बताई गई शिकायतों और मुद्दों के संबंध में उचित निर्देश जारी करने की अपील की गई है. न्यायालय ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हापुड़ में हुई घटना के संबंध में विभिन्न शिकायतें उठाई गई हैं, जिसके संबंध में वर्तमान जनहित याचिका पर इस न्यायालय द्वारा पहले ही विचार किया जा चुका है.
न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता समिति के अध्यक्ष
कोर्ट ने कहा कि दलीलों पर विचार करने के बाद, हम बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के 7 सितंबर 2023 के आवेदन को, जिसमें घटना के संबंध में अपनी शिकायतें शामिल हैं, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता वाली समिति को भेजना उचित समझते हैं.
इस तरह हापुड़ लाठीचार्ज मामले में मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने हाईकोर्ट के छह सदस्यीय कमेटी गठित की है. इसमें हाईकोर्ट के तीन न्यायमूर्ति शामिल हैं. न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में गठित समिति वकीलों की शिकायत की जांच करेगी. कमेटी में न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति फैज आलम खान सदस्य बनाए गए हैं.
जांच समिति में महाधिवक्ता, बार काउंसिल और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी शामिल किए गए हैं. उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अर्जी पर मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने ये आदेश दिया. मामले की सुनवाई उन्होंने अपने चैंबर में की.
यूपी सरकार की गठित एसआईटी को दिया आदेश
इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि हम घटना की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा पहले से ही गठित एसआईटी को निर्देश देते हैं कि वह अपनी अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करते समय, जैसा कि पहले निर्देश दिया गया था, घटना के संबंध में वकीलों द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई के बारे में भी जानकारी दें
15 सितंबर को सुनवाई
दरअसल इस प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी अपनी अलग रिपोर्ट पेश करेगी. मामले की अगली सुनवाई 15 सितंबर को होगी.