भाजपा से किनारा करने लगे मुकुल रॉय के करीबी नेता, बाबू मास्टर के भी तृणमूल में लौटने की अटकलें
भाजपा से किनारा करने लगे मुकुल रॉय के करीबी नेता, बाबू मास्टर के भी तृणमूल में लौटने की अटकलें तेज
कोलकाताः मुकुल रॉय की घर वापसी के बाद उनके करीबियों ने भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से किनारा करना शुरू कर दिया है. इस क्रम में उत्तर 24 परगना जिला परिषद के सदस्य रतन घोष ने भी भाजपा से इस्तीफा दे दिया. रतन ने कहा कि भाजपा की विचारधारा से वह सामंजस्य स्थापित नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया.
मुकुल के करीबियों में शामिल फिरोज कमल गाजी उर्फ बाबू मास्टर के भी तृणमूल में वापसी की अटकलें तेज हो गयी हैं. दूसरी तरफ, उत्तर 24 परगना जिला परिषद की दीवारों पर पोस्टर लगाये गये हैं, जिसमें रतन घोष और बाबू मास्टर को भ्रष्ट बताया गया है. पोस्टरों में लिखा गया है कि मीरजाफरों के लिए तृणमूल में कोई जगह नहीं है.
कहा जा रहा है कि ये पोस्टर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की ओर से लगाये गये हैं. हालांकि, तृणमूल ने इससे इनकार किया है. वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा है कि उक्त पोस्टरों से तृणमूल का कोई लेना-देना नहीं है. यह भाजपा का काम है.
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सुनील सिंह की घर वापसी का होगा विरोध
नोआपाड़ा के पूर्व विधायक सुनील सिंह की घर वापसी की अटकलों पर गरुलिया अंचल के तृणमूल अध्यक्ष पंकज दास ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा है कि सुनील सिंह के तृणमूल में लौटने का विरोध किया जायेगा. जिन लोगों ने यहां पार्टी कार्यालयों पर कब्जा किया, तोड़फोड़ की, वैसे लोगों को वापस नहीं लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा होगा, तो विरोध सुनिश्चित है.
वहीं, सुनील सिंह का कहना है कि उन्होंने भाजपा छोड़ने की बात नहीं कही है. ज्ञात हो कि तृणमूल कांग्रेस में लौटने के बाद मुकुल रॉय ने कहा था कि बड़ी संख्या में विधायक और सांसद तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के लिए तैयार हैं. कई लोगों ने घरवापसी के लिए तृणमूल सुप्रीमो के पास बाकायदा लिखित आवेदन दे रखा है.
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Posted By: Mithilesh Jha