देहरादून : उत्तराखंड में सोमवार 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए 70 सीटों पर मतदान हो गया है. अब 10 मार्च को इसके परिणाम घोषित किए जाएंगे, लेकिन यहां की मुख्य सियासी दलों में शुमार भाजपा और कांग्रेस के प्रमुख नेता जीत के अपने-अपने दावे पेश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जीत के अपने दावे पेश कर रहे हैं, तो कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का अपना अलग दावा है. इनके दावों के पीछे अपना-अपना समीकरण और अपने-अपने तर्क हैं.
मीडिया से बातचीत करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दावा किया है कि इस बार के चुनाव में भाजपा इस बार 60 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज करेगी. धामी ने विजय चिह्न ‘वी’ बनाते हुए दावा किया कि राज्य में भाजपा ही अगली सरकार बनाएगी. उन्होंने पार्टी की जीत का दावा पेश करते हुए कहा कि आप 10 मार्च को आने दीजिए. आप देखेंगे कि हम 60 का आंकड़ा पार कर लेंगे. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी और इस बार उसने चुनाव में ‘अबकी बार, साठ पार’ का नारा दिया है.
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकारों ने प्रदेश में खनन का दोहनकर खनन माफियाओं को प्रोत्साहन दिया. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता यह देख रही है कि किसने क्या किया. मुख्यमंत्री धामी काफी देर तक ढोल की थापों के बीच मुस्कराते और बार-बार ‘वी’ का विजय चिह्न दिखाते रहे.
उधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने उत्तराखंड में अपनी पार्टी की जीत की उम्मीद जताते हुए दावा किया कि राज्य की जनता ने परिवर्तन के लिए वोट दिया है और कांग्रेस को करीब 48 सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने पर मुख्यमंत्री का फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी और उनका निर्णय सबको स्वीकार्य होगा.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि मतदान के बाद मैं यह कह सकता हूं कि कांग्रेस की जीत सुनिश्चित है. चुनावों में कुछ सामान्य संकेत होते हैं, जिनसे यह स्पष्ट है कि कांग्रेस के पक्ष में लोगों ने मतदान किया है और उत्तराखंड में अब कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है. उन्होंने दावा किया कि हमारा अपना गणित कहता है कि कांग्रेस को 48 के आसपास सीटें मिलना चाहिए. पिछले पांच साल उत्तराखंड के लिए बहुत कष्ट वाले रहे हैं. लोगों के स्वाभिमान पर चोट पहुंची है. ऐसे में यह लगता है कि लोगों ने बदलाव के लिए वोट किया है.