कोलकाता: कांग्रेस पार्टी से ममता बनर्जी की तृणमूल से बढ़ती नजदीकियों से वाम मोर्चा परेशान है. वाममोर्चा में प्रमुख घटक दल माकपा के लिए यह सिरदर्द बन गया है. संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कांग्रेस व वामदलों ने गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उनका खाता भी नहीं खुल सका था. विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद तृणमूल की निगाहें अब 2024 के लोकसभा चुनाव पर है और राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए वह कांग्रेस से नजदीकियां बढ़ा रही है.
तृणमूल इस बाबत भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी तमाम दलों को लामबंद करने में जुटी हुई है. इसमें कांग्रेस भी शामिल है. तृणमूल से कांग्रेस की नजदीकियों से वामदलों को परेशानी हो रही है. अगर कांग्रेस-तृणमूल में गठबंधन होता है, तो वामदलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा है कि केंद्र में भाजपा को रोकना जरूरी है. इसी तरह राज्य में तृणमूल का प्रतिवाद भी जरूरी है.
सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि हम कांग्रेस के साथ गठबंधन बरकरार रखना चाहते हैं. हम इसे अपनी तरफ से नहीं तोड़ेंगे. इस पर कांग्रेस को निर्णय लेना है. हालांकि, माकपा नेता ने यह भी कहा कि भविष्य की संभावित परिस्थितियों को ध्यान में रखकर हमें अभी से प्लान बी तैयार करके रखना होगा. प्रदेश कांग्रेस का एक वर्ग लोकसभा चुनाव में तृणमूल के साथ गठबंधन चाहता है. प्रदेश कांग्रेस के सह अध्यक्ष दीप्तिमान घोष साफ कर चुके हैं कि उन्होंने ममता की तरफ हाथ बढ़ा रखा है.
पश्चिम बंगाल कांग्रेस उपाध्यक्ष दीप्तिमान घोष ने शुक्रवार को संकेत दिया कि पार्टी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस के साथ राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर गठबंधन के लिए तैयार है. कांग्रेस नेता का यह बयान ऐसे समय में आया, जब ममता बनर्जी स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाना चाहती हैं. इसके लिए अगले सप्ताह वह दिल्ली का दौरा करने वाली हैं.
पश्चिम बंगाल में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावना पर घोष ने कहा, ‘हम दोस्ती अधिक और कुश्ती कम करने की कोशिश करेंगे.’ कुछ अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का मुकाबला करने के लिए दोनों दलों के नेतृत्व एक-दूसरे से संपर्क कर रहे हैं. हालांकि, घोष ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सरकार की कोई चूक पाती है, तो वह उसकी आलोचना करती रहेगी.
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गठबंधन पर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस दोनों गंभीर हैं. इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की शहीद दिवस रैली के वर्चुअल संबोधन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम व दिग्विजय सिंह भी जुड़े थे. इसके बाद से ही कांग्रेस-तृणमूल गठबंधन की संभावनाएं बढ़ी हैं.
Posted By: Mithilesh Jha