भाजपा में शामिल होने के बाद वामपंथी बुद्धिजीवियों के निशाने पर रुद्रनील घोष
West Bengal Election 2021: BJP में शामिल होने वाले रुद्रनील घोष वामपंथी बुद्धिजीवियों के निशाने पर हैं. Rudranil Ghosh लाल शिविर में थे, लेकिन अब उनकी जर्सी का रंग भगवा हो गया है. All India Trinamool Congress छोड़कर और अमित शाह का हाथ थामकर भाजपा में शामिल हो गये हैं. west bengal news, aitc, red turned into saffron
कोलकाता (नवीन कुमार राय) : भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले रुद्रनील घोष वामपंथी बुद्धिजीवियों के निशाने पर हैं. रुद्रनील घोष लाल शिविर में थे, लेकिन अब उनकी जर्सी का रंग भगवा हो गया है. अमित शाह का हाथ थामकर भाजपा में शामिल हो गये हैं. इसके बाद से वामपंथी बुद्धिजीवी उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं.
अनिक दत्त, कमलेश्वर मुखर्जी और बादशाह मित्रा ने एक साथ रुद्रनील के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रुद्रनील के भाजपा में शामिल होने के बारे में कमलेश्वर मुखर्जी कहते हैं कि वामपंथियों में लालच कम है. इसलिए हमें पार्टी बदलने की ज़रूरत नहीं है.
कोलकाता के जादवपुर में 300 से ज्यादा दिनों से श्रम कैंटीन चल रहा है. वामपंथी झुकाव वाले निर्देशक कमलेश्वर मुखर्जी एक कार्यक्रम में शामिल होने वहां गये थे. वहां उन्होंने रुद्रनील का नाम लिये बगैर खुलकर उनकी आलोचना की. अभिनेता बादशाह मित्रा ने भी रुद्रनील घोष के भाजपा में शामिल होने के तरीके के बारे में बात की है.
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उनके अनुसार, यदि लोगों के लिए कुछ करने की इच्छा थी, तो कम से कम एक बार कार्यकर्ता बनकर स्वेच्छा से कैंटीन में आ गये होते. जिन लोगों ने पार्टी बदली है, उन्होंने व्यक्तिगत लाभ के लिए ऐसा किया है. उनके लिए कहने को कुछ नहीं बचा है.
उल्लेखनीय है कि रुद्रनील घोष को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी के रूप में देखा जाता रहा है. लेकिन, घास-फूल के साथ 7 साल बिताने के बाद उन्होंने अचानक दावा किया कि वह ‘सात- पांच’ में नहीं थे. उन्हें पश्चिम बंगाल व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.
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फिर वर्ष 2015 में रुद्रनील को राज्य सरकार का सार्वजनिक सेवा अधिकार आयुक्त बनाया गया. उस समय उन्हें 21 जुलाई को फिल्म समारोह में मंच पर देखा गया था. हालांकि, पिछले डेढ़ साल से उनका नाता टूट गया था. हालांकि, सरकार से मोटा वेतन लेने के बावजूद अभिनेता ने हाल ही में पार्टी के बारे में विस्फोटक टिप्पणी की थी.
तृणमूल के खिलाफ रुद्रनील का विस्फोटक बयान
रुद्रनील घोष ने कहा कि बंगाल की जनता ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 42 में से 18 सीटों पर भाजपा को बदलाव के लिए वोट दिया था. उन्होंने एक बड़े क्षेत्र में काम करने की इच्छा भी व्यक्त की. हालांकि, पश्चिम बंगाल का बुद्धिजीवी वर्ग रुद्रनील की राजनीतिक विचारधारा पर सवाल उठा रहा है.
मैं कभी तृणमूल का सदस्य नहीं था : रुद्रनील
यह अभिनेता जमीनी स्तर से पहले लंबे समय तक वाम राजनीति से भी जुड़ा था. नतीजतन, कई लोग रुद्रनील की इस भूमिका का मजाक उड़ा रहे हैं और कहते हैं, ‘लाल से भगवा तक का सफर!’ उधर, ‘लाभार्थी’ रुद्रनील घोष ने कहा, ‘मैं कभी भी तृणमूल कांग्रेस का सदस्य नहीं था.’
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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ने वालों की लाइन लग गयी है. 294 सदस्यीय बंगाल विधानसभा का चुनाव अप्रैल-मई में होने की संभावना है. सत्ता में आने का ख्वाब देख रही भारतीय जनता पार्टी अलग-अलग दलों के लोगों को तोड़कर अपना कुनबा बढ़ाने में जुटी है, तो तृणमूल कांग्रेस अपने कुनबे को बिखरने से बचाने में लगी है.
Posted By : Mithilesh Jha