दिल्ली में अन्नताओं के लाल किला ‘कब्जे’ के बाद बंगाल में ज्ञानदाताओं का विधानसभा ‘कब्जा’, गेट पर चढ़ीं शिक्षिकाएं
दिल्ली में अन्नदाताओं ने आंदोलन के नाम पर लाल किला पर ‘कब्जा’ करने की कोशिश की, तो उसके अगले ही दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन ज्ञानदाताओं ने विधानसभा के छह नंबर गेट पर कब्जा जमा लिया.
कोलकाता (नवीन कुमार राय) : दिल्ली में अन्नदाताओं ने आंदोलन के नाम पर लाल किला पर ‘कब्जा’ करने की कोशिश की, तो उसके अगले ही दिन पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन ज्ञानदाताओं ने विधानसभा के छह नंबर गेट पर कब्जा जमा लिया.
समान काम समान वेतन समेत अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलनरत शिक्षिकाओं ने विधानसभा अभियान का एलान किया था. बुधवार को शिक्षकों व शिक्षिकाओं ने गेट के बाहर जमा होकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस घटना के लेकर राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं.
कहा जा रहा है कि बिना पुलिस की सूचना के आंदोलनकारी शिक्षक कैसे विधानसभा परिसर में घुसने में कामयाब हो गये. राज्य के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम का दावा है कि इसके पीछे राजनीतिक दलों का समर्थन है. राज्य विधानसभा का सत्र बुधवार से शुरू हुआ है.
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इससे पहले शिक्षक एकता मंच के सदस्यों ने विधानसभा के गेट के बाहर धरना दिया. उन्होंने समान काम के लिए समान वेतन सहित विभिन्न मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने शिकायत की कि सरकार ने लंबे समय से उनकी मांगों को अनसुना किया है.
तृणमूल ने विपक्ष पर उठायी उंगली
विधानसभा के गेट नंबर छह के बाहर नारों लगाते हुए कुछ शिक्षिकाएं गेट पर चढ़ गयीं. वे काफी देर तक गेट पर डटी रहीं और नारे लगाती रहीं. हालांकि, तृणमूल ने विपक्ष पर उंगली उठायी है. राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि यह कोई नयी बात नहीं है.
#WATCH | Kolkata: Association of teachers forum including part-time teachers stage protest outside West Bengal Assembly demanding equal salary as that of permanent teachers.
Some protestors are being detained. pic.twitter.com/HaWpOB1CLx
— ANI (@ANI) January 27, 2021
श्री मुखर्जी ने कहा कि इससे पहले ज्योति बसु का विधानसभा में पीछा किया गया था. वह दूसरे गेट से भाग निकले थे. लेकिन, मैं कहूंगा कि विधानसभा किसी दल विशेष का नहीं है. यह सभी लोगों का है और सभी दल का यहां प्रतिनिधित्व रहता है. वहां किसका विरोध किया जा रहा है?
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कोलकाता पुलिस के सूत्रों के अनुसार, शिक्षक पहले ही इस कार्यक्रम की घोषणा कर चुके थे. इसके अलावा, विधानसभा परिसर की सुरक्षा कड़ी है. स्थिति सामान्य है. सवाल उठने लगे हैं कि आंदोलन में शामिल शिक्षक विधानसभा के करीब कैसे इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे और वह लोग छह नंबर गेट पर इतने देर तक कैसे कब्जा जमाये रखे.
Posted By : Mithilesh Jha