जमशेदपुर जू में नर तेन्दुआ की मौत पर जू प्रशासन ने वन विभाग को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि तेन्दुआ की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई है. वन विभाग की टीम आज जमशेदपुर जू का दौरा कर पूरे मामले की जांच करेगी. बताते चलें कि 20 अगस्त को हुई तेज बारिश के कारण जमशेदपुर चिड़ियाघर के निचले इलाकों में पानी घुस गया था. जिसके कारण जू में एक तेन्दुआ की मौत हो गयी थी. तेन्दुआ की मौत पर वन विभाग ने जमशेदपुर जू प्रबंधक से दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा था.
वन विभाग ने जू प्रशासन से पूछा है कि किस हालत में तेंदुआ की मौत हुई है. उसकी सुरक्षा को लेकर जू प्रबंधन की ओर से क्या व्यवस्था की गई थी. जमशेदपुर जू प्रबंधन को इसका दो दिनों के अंदर जवाब देने को कहा गया था. 20 अगस्त को जमशेदपुर में आयी बाढ़ का पानी जू में घुस गया था. कहा जा रहा है कि उसी पानी में फंसकर तेंदुआ की मौत हो गई थी. सूत्रों का कहना है कि बाढ़ के देखते हुए जू प्रशासन ने दो तेंदुओं मिथुन (नर) और हेमा (मादा) तेंदुआ को खाना खाने के बाद बाड़े से बाहर कर दिया था. ताकि तेंदुआ सुरक्षित स्थान पर चले जाएं. लेकिन, को भोजन करने के बाद हेमा (मादा) तेंदुआ पेड़ पर चढ़ गई.
जबकि मिथुन (नर) तेंदुआ का पानी में तैरता हुआ मिला था. बचाव दल के करीब एक घंटे के प्रयास के बाद मिथुन का शव रात करीब साढ़े नौ बजे रेस्क्यू टीम को मिला था. मिथुन (नर तेंदुआ) का जन्म अगस्त, 2005 में हुआ था और उसे नवंबर 2007 में पश्चिम बंगाल के जलदापारा बचाव केंद्र से टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क जमशेदपुर लाया गया था. वर्तमान में मादा तेंदुआ हेमा सुरक्षित है और अगले 24 घंटों तक निगरानी में है.