Loading election data...

बिहार में आधी रात को पार्क के अंदर पेड़ पर चढ़कर बैठ गया तेंदुआ, सुबह लोगों को देखकर जानें क्या किया…

बिहार के पश्चिम चंपारण के बाल्मिकीनगर स्थित इको पार्क में एक तेंदुआ देर रात को घुसा और पेड़ पर छिपकर बैठ गया. सुबह जब लोग पार्क आये तो तेंदुआ घबरा गया और ऐसी हरकत करने लगा कि लोगों के बीच अफरातफरी का माहौल बन गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2022 8:48 PM
an image

वाल्मीकिनगर: वीटीआर वन क्षेत्र में पर्यटकों की पहली पसंद इको पार्क में गुरुवार की सुबह एक तेंदुआ के घुस जाने से यहां के कर्मियों सहित पर्यटकों में हड़कंप मच गया. इको पार्क बनने के बाद यह पहला मौका है जब इसमें कोई हिंसक जानवर घुस आया हो.

पर्यटकों में रोमांच और भय का माहौल

इस घटना से जहां वनकर्मी हैरान हैं वहीं पर्यटकों में रोमांच और भय का माहौल है. हालांकि तेंदुआ, भालू, बाघ जैसे हिंसक जीवों शांत माहौल में आए दिन अतिथि गृह मार्ग में रात के समय विचरण करते दिख जाते हैं.

रात को पार्क में घुसकर पेड़ पर चढ़कर बैठा

तेंदुए के मूवमेंट की सूचना वन विभाग द्वारा उच्च अधिकारियों को दे दी गयी है. इस घटना से मॉर्निंग वाक करने वाले लोगों में तेंदुए का खौफ पैदा हो गया है. इस बाबत इको पार्क के कर्मियों ने बताया कि गुरुवार की सुबह उन्होंने इको पार्क में तेंदुआ को टहलते हुए देखा. इस बाबत वाल्मीकिनगर निवासी विजय झा ने बताया कि तेंदुआ बीती रात इको पार्क में घुस कर एक पेड़ पर बैठा था. सुबह पार्क खुलने पर लोगों की आवाजाही देख कर तेंदुआ इधर-उधर भागने लगा.

Also Read: नेपाल नगर निकाय चुनाव: मतदान के ठीक पहले रुपये बांटने के आरोप में नेपाल मुस्लिम आयोग के अध्यक्ष गिरफ्तार
शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर भागा

पार्क में दस मिनट तक अफरा तफरी का माहौल बना रहा. बाद में शोर मचाने पर तेंदुआ जंगल की ओर भाग निकला. बताते चले कि इको पार्क का परिसर वीटीआर के जंगलों से सटा हुआ है. गुरुवार की सुबह इको पार्क में तेंदुआ नजर आने से इलाके में हड़कंप मचा हुआ है.

इको पार्क की तरफ जाने से लोगों को लग रहा डर

तेंदुआ नजर आने के बाद से स्थानीय लोग इको पार्क की तरफ फिलहाल जाने से डर रहे हैं. टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र में शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतुओं की बढ़ती संख्या से डर इस बात का भी है कि तेंदुआ कहीं रिहायशी इलाके में अपनी पैठ बनाना शुरू नहीं कर दे.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Exit mobile version