लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप की पहल, आदिवासी वीरांगना सिनगी कुइली दाई डिजिटल लाइब्रेरी का डीसी ने किया उद्घाटन
लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप के प्रयास से पूरे जिले में अभी 25 पुस्तकालय का संचालन किया जा रहा है. इससे गरीब विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है. वे शिक्षा के साथ-साथ रोजगार से भी जुड़ रहे हैं. कार्यक्रम को एसडीओ रीना हांसदा, पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने संबोधित किया.
झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर के असंतालिया में डीसी अनन्य मित्तल ने डिजिटल पुस्तकालय का उद्घाटन किया. पुस्तकालय का नाम आदिवासी वीरांगना सिनगी कुइली दाई डिजिटल पुस्तकालय रखा गया है. विद्यार्थियों को पुस्तक की कमी से निजात दिलाने के लिए लाइब्रेरी मैन के नाम से मशहूर संजय कच्छप के प्रयास से इस पुस्तकालय की शुरुआत की गयी है. इस पुस्तकालय में विद्यार्थियों के लिए सभी तरह की प्रतियोगी परीक्षा की पुस्तकें उपलब्ध होंगी. इसके अलावा विद्यार्थियों की जरूरत से जुड़ी सभी पुस्तकें यहां रहेंगी.
पुस्तकालय के संचालन के लिए एक समिति का भी गठन किया गया है जो संचालन करेंगे. डीसी अनन्य मित्तल का उद्घाटन समारोह में आगमन पर पारम्परिक लोक गीत और नृत्य के साथ स्वागत किया गया. इसके बाद डीसी ने दीप प्रज्वलित कर पुस्तकालय का उद्घाटन किया. पुस्तकालय का अवलोकन कर सरना उरांव समिति को पुस्तकालय खोलने के लिए बधाई दी. डीसी ने कहा कि ज्ञान की रोशनी फैलने के लिए खुले इस पुस्तकालय का आप सभी सदुपयोग करें. पुस्तकालय संचालन में जो भी मदद की जरूरत होगी, वे उसे पूरा करने के लिए हर संभव मदद करेंगे.
आपको बता दें कि लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप के प्रयास से पूरे जिले में अभी 25 पुस्तकालय का संचालन किया जा रहा है. इससे गरीब विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है. वे शिक्षा के साथ-साथ रोजगार से भी जुड़ रहे हैं. कार्यक्रम को एसडीओ रीना हांसदा, पूर्व विधायक बहादुर उरांव ने संबोधित किया. इससे पहले अतिथियों का पौधा देकर सम्मानित किया गया. बहादुर उरांव ने डीसी को अंगवस्त्र देकर और लाइब्रेरी मैन संजय कच्छप को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया. सीओ बालकिशोर महतो, बिजली विभाग के मुख्य अमित खलखो, चक्रधरपुर थाना प्रभारी चंद्रशेखर प्रसाद, इंदकाटा की मुखिया केरी बोदरा सहित समाज के लोग और पुस्तकालय समिति के सदस्य शकुंतला उरांव, सविता उरांव, प्रतिमा मिंज, सरोजिनी उरांव, प्रतिभा उरांव, गुड़िया उरांव, रोहित उरांव कर्मवीर मिंज, अकाश उरांव, धर्मवीर मिंज, कार्तिक उरांव आदि मौजूद थे.