लोहरदगा : बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त, किसानों को आर्थिक क्षति होने की चिंता
किसानों ने बताया कि लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से गोपालन करना भी कठिन काम हो गया है. ठंड बढ़ने से गाय, बैल, बकरी एवं गाय के छोटे बच्चों को ठंड से बचना मुश्किल भरा काम होगा.
लोहरदगा : मिचौंग चक्रवात के कारण पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों को अपने घर से निकलना भी मुश्किल भरा काम हो गया है. बुधवार एवं बृहस्पतिवार को लगातार बारिश के कारण लोगों को अपने घरों में दुबकने को मजबूर होना पड़ा है. स्कूली विद्यार्थी चक्रवात से हो रही बारिश के कारण भींगते स्कूल पहुंचते देखा गया. लगातार हो रही बारिश से जहां जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है, वहीं किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ तौर पर दिखायी पड़ रही है. किसानों के खेतों में काट कर रखी गयी धान की फसल बर्बाद होने की कगार पर है. किसानों का कहना है कि इस बारिश से उन्हें काफी क्षति होने की संभावना है. खेत में काटकर छोड़ा गया धान की फसल तो धूप उगने के बाद ही मिसने लायक हो पायेगा. इन दिनों धान की फसल जो काटकर खेत में रखा गया है. उन धान की बाली से बीज अंकुरित होने लगेगा, जो धन बच जायेगा उसका चावल काला हो जाएगा. इसके अलावा चावल भी स्वादिष्ट नहीं होगा.
ठंड बढ़ने से जानवरों को भी रो रही है परेशानी
किसानों ने बताया कि लगातार दो दिनों से हो रही बारिश से गोपालन करना भी कठिन काम हो गया है. ठंड बढ़ने से गाय, बैल, बकरी एवं गाय के छोटे बच्चों को ठंड से बचना मुश्किल भरा काम होगा. ठंड के कारण छोटे बच्चों को किसी तरह ढंक कर रखा जा रहा है ताकि ठंड के आगोश में आकर गाय, भैंस, बकरी के बच्चे बीमार ना पड़ जाये. किसानों ने यह भी बताया कि अमूमन बड़े गाय एवं बैल घर के बाहर रखे जाते हैं. लेकिन लगातार बारिश एवं ठंड का प्रकोप बढ़ने के कारण जिन घरों में वह रहते हैं उन्ही घरों में मजबूरन अपने मवेशियों को रखना पड़ रहा है. खेतों में लगी सब्जी की खेती भी बर्बाद होने के कगार पर आ गया है. जब तक बारिश हो रही है, तब तक खेतों में लगी सब्जी की खेती सुरक्षित है जैसे ही बारिश खत्म होगी उसके बाद कुहासा पड़ेगा और इस कुहासे से खेतों में लगी सब्जी को भारी नुकसान होगा.
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