झारखंड : कोडरमा में हत्या मामले के 6 दोषियों को उम्रकैद, कारबाइन रखने के दोषी को 5 साल की सजा

कोडरमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अलग-अलग मामलो में कुल 7 दोषियों को सजा सुनायी. हत्या मामले में जहां छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी, वहीं कारबाइन और गोली रखने के एक दोषी को पांच साल की सजा सुनायी है. साथ ही सभी दोषियों पर जुर्माना भी लगाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2023 9:34 PM

Jharkhand News: नाटकीय तरीके से फैयाज अंसारी नामक व्यक्ति का अपहरण कर बिहार के अररिया ले जाकर हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव को जंगल में फेंकने के मामले की सुनवाई करते हुए कोडरमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तृतीय तरुण कुमार की अदालत ने सोमवार को छह दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई. साथ ही दोषी आनंद पासवान, अब्दुल हबीब मियां, मकसूद आलम, शिवनंदन कुमार, नेहरू पासवान और मोहम्मद इम्तियाज पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माने की राशि नहीं देने पर दो साल की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी.

14 मार्च, 2013 की घटना

बताया गया कि न्यायालय ने 201 आईपीसी में साक्ष्य छुपाने का दोषी पाते हुए तीन साल सश्रम कारावास एवं 10 हजार जुर्माना लगाया. वहीं, 364 में आजीवन कारावास और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया. साथ ही 27( 7-1) आर्म्स एक्ट में सात साल की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. मामला 14 मार्च, 2013 का है. घटना को लेकर तिलैया थाना कांड संख्या 65/13 दर्ज किया गया था.

कोडरमा के आनंद पासवान, अब्दुल हबीब मियां, मकसूद आलम, शिवनंदन कुमार, नेहरू पासवान और मोहम्मद इम्तियाज को फैयाज अंसारी का अपहरण कर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनायी.

22 लोगों की हुई गवाही

अदालत में अभियोजन का संचालन लोक अभियोजक पीपी मंडल ने करते हुए अभियुक्तों को अधिक से अधिक सजा देने की मांग न्यायालय से की, वहीं बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अनवर हुसैन, दीपक साहू व तरुण लाल ने दलीलें रखीं. इस दौरान सभी 22 गवाहों का परीक्षण कराया गया. अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के उपरांत आरोपियों दोषी पाते हुए सजा मुकर्रर की और जुर्माना लगाया.

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क्या है मामला

मृतक के भाई मो अजहर पिता मो इदरीश झलपो निवासी ने तिलैया थाना पुलिस को दिये बयान में कहा था कि उसका भाई उसे तिलैया सामंतो पेट्रोल पंप पर छोड़ने के लिए कहा था, क्योंकि उसे पासपोर्ट बनाने के लिए रांची जाना था. सुबह सात बजे उसे सामंतो पेट्रोल पंप के नजदीक छोड़ दिया गया. भाई ने कहा था कि जिसका पासपोर्ट बनाना है वह बोलेरो लेकर आ रहा है. उसके साथ वह रांची जाएगा और शाम तक लौट आएगा. रात करीब आठ बजे उसने अपने भाई के नंबर पर फोन किया, तो उसका फोन किसी दूसरे व्यक्ति ने उठाया और कहा कि वह बाथरूम में है. थोड़ी देर बाद कॉल करना. थोड़ी देर के बाद कॉल किया तो भाई का मोबाइल स्विच ऑफ आने लगा. दो-तीन दिनों तक खोजबीन करने के बाद उसके द्वारा तिलैया थाना में आवेदन देकर मामला दर्ज कराया गया. पुलिस एक-एक कड़ी को जोड़ते हुए मामले की तह तक पहुंची और इस कांड में शामिल सभी छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया.

कारबाइन रखने के आरोपी को पांच साल की सजा

दूसरी ओर, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने अवैध रूप से देसी कारबाइन व गोली रखने के आरोपी को दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की कारावास की सजा सुनायी है. साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी.

पुलिस ने नावाडीह के पास देसी कारबाइन और गोली बरामद

जानकारी के अनुसार, वर्ष 2015 में ढाब थाना पुलिस ने थाना क्षेत्र के नावाडीह में छापामारी की थी. इस दौरान संजय हांसदा पिता स्वर्गीय लालो हांसदा निवासी नावाडीह के पास से देसी कारबाइन और गोली बरामद की थी. पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया था. बाद में मामले की सुनवाई एसटी-150/15 ढाब थाना कांड संख्या 2/15 के तहत हुई. न्यायालय ने गवाहों के बयान व अभिलेख पर साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त संजय हांसदा को धारा 25(1 )(1-ए) आर्म्स एक्ट में दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. वहीं, धारा 26 (2)/35 आर्म्स एक्ट में पांच वर्ष की सजा एवं 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी.

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