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झारखंड : कोडरमा के चंदवारा में युवक को अगवा कर हत्या करने के दोषी को उम्रकैद, 15 हजार का जुर्माना भी लगा

कोडरमा के चंदवारा क्षेत्र में एक युवक का अगवा कर हत्या करने के मामले में कोर्ट ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनायी. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2023 8:01 PM

कोडरमा, गौतम राणा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम गुलाम हैदर की अदालत ने चंदवारा थाना कांड संख्या 52/21 एवं सत्रवाद संख्या 155/21 की सुनवाई करते हुए युवक का अपहरण कर हत्या करने के दोषी विजय दास को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं देने पर आरोपी को दो साल की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी पड़ेगी. इसके अलावे अदालत ने 201 आईपीसी में दोषी पाते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास और पांच हजार का आर्थिक जुर्माना लगाया है. दोनों सजा साथ-साथ चलेंगी.

परिजनों ने आरोपी पर अपहरण कर हत्या करने का लगाया था आरोप

मालूम हो कि 13 मई, 2021 को चंदवारा निवासी मृतक युवक सिकंदर दास की मां मीना देवी पति कांति दास ने चंदवारा थाना में अपहरण कर हत्या करने का मामला दर्ज कराई थी. दर्ज मामले में उसने कहा था कि उसका बेटा सिकंदर दास गाड़ी चालक विजय दास के साथ करमा एक शादी समारोह में गया था. दोपहर करीब 3:30 बजे विजय दास मेरे पुत्र सिकंदर दास को लेकर कहीं चला गया और फिर वापस नहीं लौटा. काफी खोजबीन किया गया, लेकिन कोई पता नहीं चला.

आरोपी की निशानदेही पर मृतक का शव बरामद

इसी दौरान उसका देवर सिकंदर दास के मोबाइल पर काल किया, तो उस मोबाइल को विजय दास द्वारा उठाया गया और कुछ गलत ठिकाना बता कर मोबाइल का स्विच ऑफ कर दिया. उसके बाद जब गांव के कई लोग विजय दास के घर गए, तो वहां पूछताछ करने पर पता चला कि वह मारुति कार के साथ एक दिन पूर्व देखा गया. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए आरोपी विजय दास को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर मृतक सिकंदर दास का शव बरामद किया.

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सुनवाई के दौरान 10 गवाहों का परीक्षण कराया गया

न्यायालय ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक पीपी मंडल ने अदालत में 10 गवाहों का परीक्षण कराया और अभियुक्त को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की. वहीं, बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश मोदी और अंशुमान पांडेय ने दलीलें पेश की. अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों को देखने के बाद दोषी को सजा सुनायी.

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