Aligarh News: शहर में अपनी जमीन के मालिकाना हक के लिए खतौनी प्रयुक्त होती हैं. इसी तरह से गांव में अपनी जमीन के लिए घरौनी मालिकाना हक दिखाएगी. अलीगढ़ में 12000 घरौनियां प्रदान की गईं. घरौनी से भू-स्वामी विभिन्न प्रकार की शासकीय योजनाओं में आसानी से बैंकों के माध्यम से ऋण भी प्राप्त कर सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में उत्तर प्रदेश के 15 हजार गांव के 20 लाख लोगों को बटन दबाकर मोबाइल फोन पर घरौनियों को डिजिटल फोरमेट में भेजा. अलीगढ़ की कोल, अतरौली, खैर, गभाना एवं इगलास में जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. के नेतृत्व में भीय जनप्रतिनिधियों ने घरौनियों का वितरण कराया. अपर जिलाधिकारी वित्त विधान जायसवाल ने बताया कि जनपद में 12000 घरौनियां ऑनलाइन के साथ ही हार्डकॉपी भी सम्बन्धित भू स्वामियों को उपलब्ध कराई गयीं हैं.
भू-स्वामित्व योजना के अन्तर्गत घरौनियां प्राप्त हो जाने से गॉवों में होने वाले भूमि विवादों पर अंकुश लग सकेगा. अपनी जमीन का मालिकाना हक का एक दस्तावेज भी स्वामी के पास रहेगा. घरौनियां मिल जाने से भू-स्वामी विभिन्न प्रकार की शासकीय योजनाओं में आसानी से बैंकों के माध्यम से ऋण भी प्राप्त कर सकेंगे.
शहर में अपनी जमीन के मालिकाना हक को दिखाने के लिए खतौनी एक दस्तावेज के रूप में प्रयुक्त होता है. जिसमें जमीन के स्वामी व आकार आदि का विवरण होता है. गांव में स्वामी के पास अपनी जमीन के मालिकाना हक को दिखाने के लिए किसी भी प्रकार के दस्तावेज ना होने से लड़ाई झगड़े चलते रहते थे. इसी को लेकर सरकार ने खतौनी की तरह गांव में घरौनी दस्तावेज तैयार करने का निर्णय लिया. घरौनी तैयार करने के लिए गांव की जमीनों का ड्रोन से सर्वे कराया गया और पूरे विवरण के साथ घरौनी तैयार की गई. घरौनी में भी खतौनी की तरह मालिक का नाम और जमीन का विवरण उपलब्ध रहता है.
रिपोर्ट : चमन शर्मा