बीरभूम/पानागढ़ : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट हिंसा मामले को लेकर सियासी और प्रशासनिक गलियारे में भले ही उबाल आ गया हो, लेकिन इस हादसे का मानवीय पहलू यह भी है कि दरिंदों ने दो महीने पहले शादी के बंधन में बंधने वाले नवदंपति की जान को भी नहीं बख्शा. रामपुरहाट के बागतुई गांव के निवासी मिजारुल शेख की बेटी लिली खातून की दो महीने पहले ही शादी बीरभूम के नानूर गांव निवासी काजी साजिदुर रहमान से हुई थी. बागतुई गांव में हिंसा के दिन साजिदुर रहमान अपनी ससुराल में थे और दरिंदों ने इस नवदंपत्ति को जिंदा जला दिया.
बागतुई गांव की हिंसा को याद करते हुए नानूर गांव निवासी लिली खातून के ससुर नुरुल जमाल कहते हैं कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि अपने पति के साथ विवाह के दो महीने बाद मायके गई बहू फिर दोबारा लौटकर अपने घर नहीं आएगी. यह भरोसा ही नहीं हो रहा है कि लिली खातून के परिवार और पति को जिंदा कमरे में बन्द कर जला दिया गया.
बताते चलें कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बागतुई गांव में सोमवार रात हिंसात्मक घटना में आग की चपेट में आकर एक नवविवाहित जोड़े की भी दर्दनाक मौत हो गई. अभी दो महीने पहले ही जनवरी 22 में बीरभूम के नानूर निवासी काजी साजिदुर रहमान की शादी बागतुई गांव निवासी मिजारुल शेख की बेटी लिली खातून के साथ हुई थी. सोमवार रात घटी घटना में अन्य लोगों के साथ ही नवदंपति की भी जिंदा जलकर मौत हो गई.
स्थानीय और पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, लिली खातून शनिवार की रात शब-ए-बरात की छुट्टी के दिन सोमवार को पति के साथ अपने पिता के घर आई थी. लेकिन वह अपने ससुर फिर वापस नहीं लौट पाई. लिली की अपने पिता के घर में आग लगने से मौत हो गई. इसके हिंसा में उनके पति और उनके परिवार के पांच अन्य सदस्यों की भी जान चली गई. नवविवाहितों के इस दुखद मौत ने बागतुई गांव के साथ-साथ नानूर में काजी साजिदुर रहमान के घर पर भी मातम छा गया है.
परिवार के लोग बताते हैं कि सोमवार को लिली खातून अपने पति के साथ बागतुई गांव स्थित पिता के घर आई थी. लिली और उसके पति ने दोपहर में अपने ससुराल फोन किया. उस समय तक सब ठीक था, लेकिन जैसे-जैसे रात होती गई, पूरी तस्वीर बदल गई. इस घटना की खबर सुनकर लिली के ससुराल के लोग स्तब्ध हो गए है.
लिली के ससुर काजी नूरुल जमाल ने कहा, सुबह बेटा और बेटा रामपुरहाट गए थे. दोपहर में वहां पहुंचने के लिए कहा था. फिर रात 12 बजे बेटे ने अपने दोस्त काजी माहिम को फोन किया. उसने बताया कि कुछ लोग हमलोगों को एक घर में बन्द कर दिया है और आग लगा दी है. तुम पुलिस भेजने की व्यवस्था करो. माहिम मुझे मामले की जानकारी दी थी. उन्हें दोबारा नहीं कॉल कर सका.
Also Read: रामपुरहाट हिंसा मामले पर ममता बनर्जी ने कहा, किसी भी सूरत में नहीं बख्श जाएंगे दोषी, मौके पर कोई भी जाए
स्थानीय निवासियों के अनुसार, सोमवार की रात रामपुरहाट एक नंबर प्रखंड में बदमाशों द्वारा किए गए बम विस्फोट और आगजनी की घटना में तृणमूल नेता और उप प्रधान भादू शेख की मौत हो गई थी. बागतुई गांव में उनके घर के पास उनकी हत्या कर दी गई. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना से आक्रोशित बागतूई गांव में 10-12 घरों में आग लगा दी गई. आरोप है कि भादू शेख के अनुयायियों ने इस घटना को अंजाम दिया था.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी