आगरा में दयालबाग सत्संग सभा द्वारा अवैध रूप से कब्जाई सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची. इस दौरान सत्संगियों ने हमला कर दिया. ऐसे में तमाम पुलिस कर्मी बुरी तरह से घायल हो गए. और करीब 2 घंटे तक बवाल चला. लेकिन अंत में पुलिसकर्मियों को सत्संगियों के विरोध के चलते बैक फुट पर आना पड़ा.
इसका सबसे बड़ा कारण रहा कि पुलिस बिना किसी तैयारी के कब्जा मुक्त कराने गई थी. सत्संगियों ने पहले से ही गुरिल्ला युद्ध की रणनीति तैयार कर ली थी और पुलिस का इंटेलिजेंस विभाग इस मामले में पूरी तरह से फेल हो गया. एलआईयू भी यह अंदाजा नहीं लग सका की सत्संगी इतनी तैयारी से वहां मौजूद होंगे.
प्रशासन ने राधास्वामी सत्संग सभा द्वारा अवैध कब्जों को लेकर FIR दर्ज कराई थी. इसके बाद कब्जा मुक्त ‘कराने के लिए नोटिस दिया था. समय सीमा देने के बाद जब कब्जा नहीं हटाया गया तो शनिवार को प्रशासन और पुलिस ने कार्रवाई की थी.
पुलिस और राजस्व विभाग की टीम के पीछे बुलडोजर भी था. करीब पौने पांच बजे डीसीपी सिटी सूरज राय, एसडीएम सदर परीक्षित खटाना, सिटी मजिस्ट्रेट आनंद कुमार, एसीपी सैयद अरीब अहमद सहित अन्य अधिकारी जैसे ही गेट पर पहुंचे, सत्संगियों ने अपनी महिलाओं की विंग को आगे कर दिया.
सत्संगियों ने महिला विंग को आगे करते हुए पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी. पुलिस ने भी जवाब दिया. सत्संगी बड़ी संख्या में थे. पुलिस को धक्का देने पर कई पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी कटीले तारों पर गिर गए. पुलिस को भीड़ नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा.
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माहौल बिगड़ते देख पुलिस अधिकारियों ने शाम करीब सवा पांच बजे और फोर्स की मांग की. लेकिन, एक घंटे तक फोर्स नहीं पहुंची. स्थिति बिगड़ रही थी. अंधेरा हो रहा था. दयालबाग की लाइट कट गई थी. चारों तरफ से सत्संगियों ने पुलिस को घेर लिया था. ऐसे में शाम करीब साढ़े छह बजे पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा. सत्संगियों से बात कर, सोमवार को दस्तावेज प्रस्तुत ` करने का प्रस्ताव रखा.
इस पर सहमति रविवार की कार्रवाई में पुलिस ने सत्संगियों को बेहद हल्के में ले लिया. उनको लगा था कि जिस तरह शनिवार को पुलिस कब्जा मुक्त करा आई थी, वैसे ही रविवार को भी आराम से मामला निपट जाएगा. लेकिन, पुलिस को इसकी बिल्कुल भनक नहीं थी कि सत्संगी बेहद तैयारी के साथ मौके पर पहले से मौजूद हैं. सत्संगियों ने अपने लोगों को थाने पर सुबह से मुस्तैद कर रखा था. जैसे ही थाने पर शाम चार बजे पुलिस और PAC का मूवमेंट शुरू हुआ, वैसे ही सत्संगी भी जुटना शुरू हो गए.