बिहार के दरभंगा में एक ललित नारायण मिथिला विवि (LNMU) का एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. यहां एक छात्र को विवि की गलती से 100 नंबर के पेपर में 151 अंक प्राप्त हुए है. अपना अंक पत्र देखकर छात्र भी परेशान और हैरान है. बताया जा रहा है कि विवि के द्वारा हाल ही में स्नातक का परीक्षा परिणाम जारी किया गया है. एक छात्र ने बीए ऑनर्स के पार्ट टू का एग्जाम दिया था. इसमें छात्र का जब परिणाम आया तो उसे राजनीति विज्ञान के पेपर(कोर) में 100 में से 151 अंक प्राप्त हुए थे. छात्र ने बताया कि वो अपना रिजल्ट देखकर हैरान है कि ऐसा कैसे हो सकता है. अधिकारियों को अंक पत्र जारी करने से पहले इसकी जांच करनी चाहिए थी.
विवि ने मामले में सफाई देते हुए एलएनएमयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर मुश्ताक अहमद ने बताया कि छात्र को गलती से ज्यादा अंक दे दिया गया था. विवि का कहना है कि ये टाइपिंग ह्यूमन एरर है. शिकायत मिलने के बाद विवि से छात्र को असुविधा न हो इसके लिए दूसरा संशोधित अंक पत्र जारी कर दिया है. विवि की ओर से 30 जून को रिजल्ट प्रकाशित किया गया था.
विवि के कारनामे की लिस्ट यहीं नहीं रूकती है. एक अन्य छात्र जिसे बी.कॉम पार्ट-टू में लेखांकन और वित्त (पेपर-4) में शून्य अंक मिले हैं, को अगली कक्षा में प्रोन्नत (प्रमोट) किया गया है. इस पर उसने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि यह एक टाइपिंग एरर था और उन्होंने मुझे एक संशोधित अंकपत्र जारी किया है. छात्र के द्वारा शिकायत मिलने पर विश्वविद्यालय स्तर से डाटा सेंटर की ओर से अंकपत्र को आधिकारिक वेबसाइट से हटा लिया गया है.