बंगाल में स्थानीय लोग संभालेंगे निरुद्ध क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था की जिम्मेदारी
प्रवासियों (Migrants) के लौटने और आर्थिक गतिविधियां (economic activity) बहाल होने पर पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के (Covid cases in west bengal) मामले बढ़ने पर राज्य सरकार निरुद्ध क्षेत्र (affected area) घोषित करने से संबंधित नियमों को बदलने और इलाके की पुलिस व्यवस्था में स्थानीय लोगों को शामिल करने की योजना बना रही है. एक अधिकारी ने बताया कि जिस किसी बिल्डिंग में कोई कोविड-19 मरीज (Covid-19 patient) मिलेगा, अधिकारी उसकी पहचान करके उसे निरुद्ध क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्र को बफर क्षेत्र घोषित करेंगे, जो पहले ऐसी बिल्डिंग और आसपास की सड़कों के एक हिस्से को प्रभावित क्षेत्र घोषित करने के प्रचलन से भिन्न है.
कोलकाता : प्रवासियों के लौटने और आर्थिक गतिविधियां बहाल होने पर पश्चिम बंगाल में कोविड-19 के मामले बढ़ने पर राज्य सरकार निरुद्ध क्षेत्र घोषित करने से संबंधित नियमों को बदलने और इलाके की पुलिस व्यवस्था में स्थानीय लोगों को शामिल करने की योजना बना रही है. एक अधिकारी ने बताया कि जिस किसी बिल्डिंग में कोई कोविड-19 मरीज मिलेगा, अधिकारी उसकी पहचान करके उसे निरुद्ध क्षेत्र एवं आसपास के क्षेत्र को बफर क्षेत्र घोषित करेंगे, जो पहले ऐसी बिल्डिंग और आसपास की सड़कों के एक हिस्से को प्रभावित क्षेत्र घोषित करने के प्रचलन से भिन्न है. पश्चिम बंगाल में निरुद्ध क्षेत्र को ‘प्रभावित क्षेत्र’ तथा आसपास की सड़कों को ‘बफर जोन’ कहा जाता है. पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में प्रभावित क्षेत्र 718 थे, जो मंगलवार को बढ़कर 864 हो गये.
राज्य सरकार ने अपनी वेबवाइट ‘एगिये बांग्ला’ पर यह आंकड़ा साझा किया है. बफर जोन भी बहुत बढ़ गये हैं. तीन दिन पहले इसकी संख्या 350 थी, जो अब बढ़कर 850 हो गयी है. स्वास्थ्य विभाग के एक कर्मचारी ने कहा, ‘‘यह वृद्धि करीब-करीब सभी जिलों खासकर बीरभूम, कूच बिहार, नादिया, उत्तर दिनाजपुर और मालदा में हुई है, जहां ज्यादातर प्रवासी श्रमिक लौटे हैं. वे अब भी आ रहे हैं और कोविड-19 के मामले संभवत: बढ़ेंगे ही. उन्होंने कहा कि प्रशासन लॉकडाउन के नियमों में धीरे-धीरे ढील देने की योजना बना रहा है लेकिन ऐसे प्रभावित क्षेत्रों में चीजें सुचारू बनाने की जरूरत खड़ी हो गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘ घनी आबादी वाले क्षेत्र जैसे झुग्गियों और उनके आसपास में किसी एक इमारत को नहीं बल्कि पूरी इलाके को निरुद्ध क्षेत्र घोषित किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग प्रभावित क्षेत्रों में ‘क्या करें’ और ‘क्या न करें’ की सूची को लागू करने के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेने पर विचार कर रहा है.
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भाषा के मुताबिक अधिकारी ने कहा, ‘‘कोलकाता और कुछ अन्य जिलों में हमने देखा है कि स्थानीय लोगों ने निरुद्ध क्षेत्रों में जाने और निकलने पर रोक लगाने के लिए बैरीकैड लगा रखे हैं. जब से महामारी फैली है, पुलिस इन क्षेत्रों को संभाल रही है जबकि कुछ मामलों में स्थानीय लोगों ने ऐसा किया है.” उन्होंने कहा,‘‘ अब हम यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि क्या स्थानीय लोगों पर इन क्षेत्रों की पुलिस व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी डाली जा सकती है.” अबतक अन्य राज्यों से पांच लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक पश्चिम बंगाल लौटे हैं. पश्चिम बंगाल सरकार ने महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश जैसे हॉटस्पॉट राज्यों से आ रहे प्रवासी श्रमिकों के लिए परीक्षण अनिवार्य कर दिया है. पश्चिम बंगाल में अबतक कोरोना वायरस के 6168 मामले सामने आये हैं. फिलहाल 3423 मरीज उपचाराधीन हैं जबकि 263 मरीज जान गंवा चुके हैं