धनबाद नगर निगम और रेलवे के बीच नियमों की पेंच में फंसा लोको टैंक के सौंदर्यीकरण का मामला

लोको टैंक के सौंदर्यीकरण के लिए नगर निगम का टेंडर फाइनल हो चुका है. संवेदक को काम अवार्ड किया जा चुका है. रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण मामला लटका हुआ है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 9, 2024 5:13 AM

धनबाद : रेलवे व निगम के बीच नियमों को लेकर लोको टैंक का सौंदर्यीकरण का मामला फंस रहा है. सौंदर्यीकरण के बाद इसके कॉमर्शियल उपयोग करने पर रेलवे को आपत्ति है. रेलवे ने अपने टर्म एंड कंडिशन पर सौंदर्यीकरण करने व किसी तरह का कंस्ट्रक्शन नहीं करने की शर्त रखी है. जबकि धनबाद नगर निगम का कहना है कि सौंदर्यीकरण पर 13 करोड़ खर्च होंगे. अति आधुनिक पार्क, झूले आदि लगाये जायेंगे. ऐसे में बिना कंस्ट्रक्शन के सौंदर्यीकरण करना संभव नहीं है. करोड़ों खर्च कर लोको टैंक का सौंदर्यीकरण किया जायेगा. इसके मेंटेनेंस का खर्च भी वहां से निकाला जायेगा. दोनों विभाग अपनी-अपनी बात कर अडिग हैं. पिछले सप्ताह नगर निगम ने रेलवे के टर्म एंड कंडिशन पर कुछ संशोधन कर फिर से प्रस्ताव भेजा है. अगर निगम के प्रस्ताव पर रेलवे सहमति देता है, तो अगले सप्ताह तक सौंदर्यीकरण पर एमओयू हो सकता है.

सौंदर्यीकरण का हो चुका है टेंडर : 

लोको टैंक के सौंदर्यीकरण के लिए नगर निगम का टेंडर फाइनल हो चुका है. संवेदक को काम अवार्ड किया जा चुका है. रेलवे से एनओसी नहीं मिलने के कारण मामला लटका हुआ है. अमृत-2 के तहत लोको टैंक का सौंदर्यीकरण करने का प्रस्ताव है.

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रेलवे से एनओसी के लिए काफी समय से पत्राचार किया जा रहा है. रेलवे ने जो शर्त रखी है, उससे सौंदर्यीकरण संभव नहीं है. सौंदर्यीकरण करना है, तो कंस्ट्रक्शन होगा ही, मेंटेनेंस का खर्च भी लोको टैंक से ही निकाला जायेगा. रेलवे ने जो टर्म एंड कंडिशन का प्रस्ताव दिया है, उसमें संशोधन कर पुन: रेलवे को भेजा गया है. संभवत: अगले सप्ताह तक रेलवे से एमओयू हो जायेगा.

प्रकाश कुमार, सहायक नगर आयुक्त

जल कर का रेलवे पर नौ करोड़ बकाया

रेलवे पर नगर निगम का जल कर का लगभग 9 करोड़ रुपया बकाया है. निगम के मुताबिक रेलवे को हर दिन आठ एमएलडी पानी सप्लाई की जाती है. लंबे समय से रेलवे की ओर से जलकर का भुगतान नहीं किया जा रहा है. रेलवे प्रशासन से जल कर का भुगतान करने के लिए नोटिस किया गया है. होल्डिंग व यूजर चार्ज भी रेलवे नहीं दे रहा है. एक्ट के मुताबिक रेलवे को होल्डिंग की जगह सर्विस टैक्स देना है. रेलवे प्रशासन से सर्विस टैक्स व यूजर चार्ज के लिए भी लिखा गया है.

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