प्रकाश पर्व दीपावली में घर-घर विराजे लक्ष्मी-गणेश, बाजारों की बढ़ी रौनक, खरीदारी में जुटे लोग
इस वर्ष पटाखों के दामों में उछाल आया है. इसके बावजूद मंहगाई पर उत्साह भारी है. पटाखों की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड रही है. लोग दीपावली को यादगार बनाने के लिए अपनी रुचि व बजट के अनुसार पटाखे एवं फुलझड़ियों की खरीदारी कर रहे हैं.
लोहरदगा जिले में प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर उत्साह चरम पर पहुंच गया है. जहां एक ओर बाजारों की रौनक बढ़ गयी है. वहीं शहरों एवं गांवों में चहल पहल देखी जा रही है. लोग अपने घरों की सफाई के बाद रंग रोगण का कार्य पूरा कर माता लक्ष्मी की स्वागत के लिए तैयार हैं. व्यवसायियों के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है. कई व्यवसायी इसी दिन से नये खातों की शुरूआत करते हैं. वहीं किसानों एवं गृहस्थों के लिए भी दीपावली का विशेष महत्व है. किसान अपने मवेशियों की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना करते है. दीपावली के दिन किसानों में मवेशियों को पांच अनाजों से बना पखार खिलाने का भी परंपरा है. गृहस्थ के लिए भी इस दिन शुभ लगन में माता लक्ष्मी की पूजा कर पूरे साल सुख समृद्धि एवं शांति की कामना करते है. बच्चों की टोलियां दीपावली को खास बनाने में जुट गई है. विभिन्न घरों में बच्चों द्वारा घरौंदे बनाये जा रहे हैं. वहीं पटाखें तथा फुलझडियों की भी खरीददारी हो रही है.
फूलझड़ियोंं से सजीं पटाखों की दुकानें
इस वर्ष पटाखों के दामों में उछाल आया है. इसके बावजूद मंहगाई पर उत्साह भारी है. पटाखों की दुकानों में ग्राहकों की भीड़ उमड रही है. लोग दीपावली को यादगार बनाने के लिए अपनी रुचि व बजट के अनुसार पटाखे एवं फुलझड़ियों की खरीदारी कर रहे हैं. वहीं अनार 50 रुपये से एक हजार के बीच मिल रहे हैं. इसके अलावा असरफी अनार, स्टार राकेट, नाजी बम, चटाई बम, थ्री कलर अनार, आकाश बरसात, आकाश रंगीला, फेरेटा स्काई जैसे पटाखे लोगों की पसंद बने हैं.
मिठाइयों की जमकर हो रही खरीदारी
प्रकाश पर्व दीपावली को लेकर मिठाइयों की दुकानें सज गयी हैं. दुकान संचालकों द्वारा मोतीचूर्ण के लड्डू के अलावे विभिन्न प्रकार के मिष्ठान उपलब्ध कराये गये हैं. बाजारों में तीन सौ रूपये से लेकर पंद्रह सौ रूपये किलो तक के मिठाई उपलब्ध हैं. ग्राहक अपनी सुविधानुसार मिठाइयों की खरीदारी कर रहे हैं. त्योहार को लेकर विभिन्न होटल संचालक पिछले कई दिनों से तैयारी में जुटे थे. सोनपापड़ी व चॉकलेट के विभिन्न रेंज बाजार में उपलब्ध हैं.
मिट्टी के कलाकारों के चेहरों पर लौटी रौनक
देश में चाइनीज सामानों के बहिष्कार का लाभ अब गांव के मिट्टी के कारीगरों को मिलने लगा है. जहां लोग इस वर्ष दीपावली में अपने घरों में चाइनीज बल्ब की जगह मिट्टी के दीये जलाने की तैयारी मे हैं. वहीं दूसरी ओर मिट्टी के दीये के कारोबार करने वाले लोगों के चेहरों पर रौनक आ गयी है. साप्ताहिक बाजार में मिट्टी के दीये बिक्री करने आये दुकानदार सुरेंद्र महतो, संतोष प्रजापति आदि ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष कारोबार बढ़िया है. दीये की बिक्री भी बढ़ी है. पिछले वर्ष तक लोग मिट्टी के दीये की नाममात्र की खरीदारी करते थे. दीपाावली में मिट्टी के दीये रस्म अदायगी तक सीमित थे परंतु इस वर्ष बढ़चढ़कर खरीदारी हो रही है. मिट्टी के बने खिलौने भी जमकर बिक रहे हैं. वहीं बाजारों में लक्ष्मी पूजन व मवेशियों को सजाने के सामानों की भी बिक्री हो रही है.
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