Lohri 2021 Date in india: पंजाब का मुख्य पर्व लोहड़ी देश भर में 13 जनवरी को मनाया जाएगा. यह पर्व इस बार उत्तरायण और मकर संक्रांति के योग के बीच 14 जनवरी को भी 8 बजकर 29 मिनट पर मनेगा. आपको बता दें कि हर वर्ष फसलों के मौसम की शुरुआत का प्रतीक लोहड़ी पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. इस दौरान लोग अलाव के चारों ओर एकजुट होकर नाच-गाने और भोजन-पानी करते हैं. यह पर्व कृषि समृद्धि पंजाब की परंपराओं को भी दर्शाता है. ऐसे में आइये जानते हैं लोहड़ी पर्व का शुभ मुहूर्त, इसकी मान्यताएं और महत्व, प्रसाद से लेकर मनाने का तरीका भी…
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लोहड़ी पर्व बुधवार, 13 जनवरी को मनायी जाएगी
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लोहड़ी और संक्रांति योग: 14 जनवरी को 8.29 में पड़ रही है
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लोहड़ी पर्व पंजाब का त्योहार है जो फसल के खुशी में मनाया जाता है
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इस दिन लोग अग्नि और सूर्य देव की पूजा अर्चना करते हैं ताकि उनकी फसल लहलहाते रहे. आपको बता दें कि पंजाब का मुख्य फसल गेहूं है
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इस पर्व के और भी कई महत्व है. यह पर्व अमीर और गरीब दोनों को साथ लाने का काम करता है
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इस दिन घर-घर में रात्रि के समय भोजन में मक्के की रोटी और सरसों का साग बनाने की परंपरा होती है.
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लोहड़ी पर्व में मुख्य रूप से पांच प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. तिल से बने वस्तु, गजक या मूंगफली और गुड़ के बने मिठाई व लाई, मूंगफली और पॉपकॉर्न या मक्के के बने पदार्थ भी इस दिन भोग लगाए जाते हैं. लोग पूजा के समय अलाव जला कर उसके चारों ओर घूमते हैं और उसमें पॉपकॉर्न या मक्के के बने पदार्थ और मूंगफली को आग में फेंकते है.
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सर्द रात में लोग अलाव को जलाकर लोग उसके गर्मी के बीच इस पर्व को मनाते है.
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इस दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनते है और आस-पड़ोस के लोग एक जगह इकट्ठा होकर ये पर्व मनाते हैं.
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इस दौरान लोग अलाव के चारों ओर नाचते है, आग में मूंगफली और पॉपकॉर्न या मक्के से बने पदार्थ फेंकते है
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लोहड़ी का अपना विशेष प्रकार का गीत होता है. जिसे लोग इस दौरान गुनगुनाते है.
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इस दिन दुल्ला भट्टी गाने की विशेष परंपरा होती है. कहा जाता है कि दुल्ला एक डाकू का नाम था
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लोग इस दिन लोहड़ी की शुभकामनाओं भरे संदेश लिखे पतंगों को आकाश में उड़ाते है.
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इस दिन पंजाब का विशेष नृत्य सामुहिक तौर पर करने की परंपरा होती है. लोग भांगड़ा, झूमर, गिद्धा और किक्ली जैसे नृत्य प्रस्तुत करते हैं.
Posted By: Sumit Kumar Verma