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लोकसभा चुनाव 2024: राजमहल लोकसभा क्षेत्र में सड़कें जर्जर, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी शुरू नहीं हुई मरम्मती

Lok Sabha Election 2024|संताल परगना के राजमहल लोकसभा क्षेत्र में सड़कों की दुर्दशा से लोग परेशान हैं. सड़क कम गड्ढे ज्यादा हैं. थोड़ी बारिश में ये गड्ढे तालाब में तब्दील हो जाते हैं. चार साल से यही दशा है.

Lok Sabha Election 2024|झारखंड के संताल परगना की राजमहल लोकसभा क्षेत्र की सड़कें जर्जर हो चुकीं हैं. खासकर राजमहल शहरी क्षेत्र की. सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं. थोड़ी सी बारिश हो जाए, तो ये गड्ढे तालाब में तब्दील हो जाते हैं. छोटे वाहनों का इस रास्ते से चलना मुश्किल हो गया है. कई बार छोटे वाहनों का सामान इन गड्ढों की वजह से गिर जाता है. सड़कों पर इतने नुकीले पत्थर निकल आए हैं कि साइकिल पंक्चर हो जा रही है. ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ रहीं हैं, सो अलग. झारखंड हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर को तीन महीने के भीतर राजमहल की सड़कों को दुरुस्त करने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के आदेश को दो महीने बीत गए, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है. नगर अध्यक्ष किताबुद्दीन शेख ने मुख्यमंत्री से भी इसकी शिकायत की. मांग की कि जर्जर सड़क की मरम्मती जल्द से जल्द कराएं. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, लेकिन अब तक कुछ हुआ नहीं. स्थानीय लोगों के साथ-साथ व्यापारियों ने भी चेतावनी दी है कि अगर जल्द प्रशासन ने इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाए, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे. स्थानीय लोगों ने बताया कि सीवरेज के लिए सड़क की खुदाई की गई थी. इसकी ठीक से मरम्मती नहीं हुई, जिसकी वजह से लोग बेहद परेशान हैं. स्कूल जाने वाले बच्चों की साइकिल पंक्चर हो जा रही है. लोगों का कहना है कि साइकिल के अचानक पंक्चर होने की वजह से सड़क दुर्घटना का खतरा बना रहता है.

व्यापारी बोले – प्रभावित होता है हमारा कारोबार

व्यापारियों ने कहा कि जर्जर सड़क की वजह से उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है. साहिबगंज जिले के राजमहल में कारोबार करने वाले व्यापारी कहते हैं कि चार साल से सड़क की मरम्मत नहीं हुई. इसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है. बरसात में सड़क पर कीचड़ हो जाता है, तो चलना भी दूभर हो जाता है. जर्जर सड़क पर लोग निकलना तक नहीं चाहते. लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी शुरू कर दी है. इससे हमारा कारोबार ठप हो रहा है. दूसरी तरफ धूल-कण की वजह से लोग प्रदूषणजनित बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं. व्यापारियों ने कहा कि शहर के लोगों ने कई बार सड़क की मरम्मती की मांग के लिए आंदोलन किया है. अगरजल्द सड़कों को दुरुस्त नहीं किया गया, तो एक बार फिर बड़ा आंदोलन होगा.

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देश-विदेश के सैलानी नहीं देख पाते ऐतिहासिक धरोहर

बता दें कि राजमहल में देश-विदेश के सैलानी आते हैं. लेकिन, सड़कों की वजह से वे ऐतिहासिक धरोहरों को देखने से वंचित रह जाते हैं. चार स्कूल, अनुमंडल कार्यालय, ऐतिहासिक सिंघी दलान, स्वर्ण जयंती पार्क, रेलवे स्टेशन, अनुमंडल पदाधिकारी का आवास, एफसीआई गोदाम, व्यवहार न्यायालय, जज आवास, एसडीपीओ कार्यालय एवं आवास के साथ-साथ नगर थाना भी राजमहल में है. अनुमंडल पदाधिकारी और जज भी इसी रास्ते से हर दिन गुजरते हैं. बरसात के दिनों में आए दिन छोटी-मोटी घटनाएं होती ही रहतीं हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता.

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लगातार दो बार से लोकसभा चुनाव जीत रहे विजय हांसदा

स्थानीय नेता से लेकर सांसद तक ने कभी राजमहल की जनता की इस मूलभूत समस्या को दूर करने के बारे में सोचने की जहमत नहीं उठाई. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता और राजमहल संसदीय सीट के लोकसभा सांसद विजय कुमार हांसदा लगातार दो बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचे. लेकिन, अब तक उन्होंने भी कोई ठोस पहल नहीं की, जिससे क्षेत्र के लोगों को जर्जर सड़क से निजात मिल सके. विजय हांसदा कांग्रेस छोड़कर वर्ष 2014 में झामुमो में शामिल हुए थे. झामुमो ने पहली बार उन्हें लोकसभा का टिकट दिया और वह महज 31 साल की उम्र में सांसद बन गए.

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