हजारीबाग में लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन, आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने हेमंत सोरेन सरकार पर साधा निशाना
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज हो गयी हैं. सभी राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं. आजसू पार्टी भी लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए अपनी तैयारी में जुट गयी है.
हजारीबाग/रांची: आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार का काम और विकास के दावे सिर्फ सरकारी खंभों में लटके नजर आते हैं और इन सबके बीच सरकार कुछ ऐसा एजेंडा सेट करती है जिससे जनता के बीच भ्रम, संशय और उलझन कायम रहे. झारखंड के मुद्दे, विचार, विषय और जनभावना से सरकार को कोई वास्ता नहीं है. यही वजह है कि जनता सरकार से नाखुश और निराश है. उन्होंने ये बातें हजारीबाग में आयोजित लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में कहीं. इस अवसर पर कांग्रेस के नेता सिद्धार्थ शंकर राय समेत कई नेताओं ने पार्टी का दामन थामा.
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां तेज हो गयी हैं. सभी राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट चुके हैं. आजसू पार्टी भी लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के जरिए अपनी तैयारी में जुट गयी है. इसी क्रम में रविवार को आजसू पार्टी की ओर से हजारीबाग में लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सह मिलन समारोह का आयोजन किया गया था. इसमें एक तरफ जहां कांग्रेस नेता सिद्धार्थ शंकर राय समेत कई नेताओं ने पार्टी का दामन थामा, वहीं इस आयोजन के जरिए सुदेश महतो ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि झारखंड को प्रयोग का नहीं, बल्कि उपयोग का राज्य बनाना है.
सरकार का विकास सिर्फ सरकारी खंभो पर दिखाई देता है।हमें झारखंड को प्रयोग का नहीं, उपयोग का राज्य बनाना है।
आज हजारीबाग लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सह मिलन समारोह में शामिल हुआ। मौके पर विभिन्न राजनीतिक दलों के कई नेताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने थामा पार्टी का दामन। pic.twitter.com/fThJIwjvIJ
— Sudesh Mahto (@SudeshMahtoAJSU) July 16, 2023
सरकार के पास स्पष्ट नीति और नियोजन का नहीं है कोई प्रारूप
आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया है. इसके कारण आम लोग लाचार और परेशान हैं. सरकार ने राजनीतिक एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर किया है, जिसका प्रभाव जन सेवा में एवं कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ा है. लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर सरकार काम कर रही है. राज्य में लोग शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते हैं. सरकार के पास स्पष्ट नीति और नियोजन का कोई प्रारूप नहीं है.
1932 का खतियान है आजसू का संकल्प
सुदेश महतो ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार 1932 को लेकर सबसे बड़ा हिमायती होने का दंभ भरती रही, लेकिन उनकी गलत नीति की वजह से यह लागू नहीं हो पाया. दरअसल 1932 कांग्रेस और जेएमएम के लिए खुद का चेहरा बचाए रखने का राजनीतिक औजार है, लेकिन आजसू के लिए यह संकल्प और प्रतिबद्धता है.
शासन-प्रशासन के कामकाज पर बोला जमकर हमला
आजसू प्रमुख ने शासन-प्रशासन के कामकाज पर जमकर हमला बोला. स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, सिंचाई पेयजल ग्रामीण विकास और कृषि के हालात पर सरकार की बखिया उधेड़ी. उन्होंने कहा कि जिन्होंने कभी पसीना नहीं बहाया वे सत्ता की बागडोर संभाल रहे हैं. जाहिर है वे राज्य का दर्द क्या जानेंगे. हमें अपने झारखंड को प्रयोगशाला नहीं, बल्कि उपयोग का और गतिमान बनाना है.
गरीब बच्चों के साथ खिलवाड़ कर रही हेमंत सरकार
सुदेश महतो ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है. जिस वजह से पढ़ाई का स्तर गिर गया है. गरीब के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, लेकिन गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई नहीं मिलने के चलते उन सभी बच्चों का भविष्य अंधकार में है. गरीब बच्चों के भविष्य से यह सरकार खिलवाड़ कर रही है.
स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा, सिंचाई पेयजल ग्रामीण विकास और कृषि के हालात पर सरकार की बखिया उधेड़ी. उन्होंने कहा कि जिन्होंने कभी पसीना नहीं बहाया वे सत्ता की बागडोर संभाल रहे हैं. जाहिर है वे राज्य का दर्द क्या जानेंगे. हमें अपने झारखंड को प्रयोगशाला नहीं, बल्कि उपयोग का और गतिमान बनाना है.
सुदेश महतो, आजसू प्रमुख
ये हैं खास बातें
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आजसू का लोकसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन सह मिलन समारोह
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लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियां हुईं तेज
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कांग्रेस नेता सिद्धार्थ शंकर राय समेत कई नेताओं ने पार्टी का दामन थामा
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सुदेश महतो ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधा
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सुदेश महतो बोले-जनता सरकार से नाखुश और निराश
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सरकार के पास स्पष्ट नीति और नियोजन का नहीं है कोई प्रारूप
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हेमंत सोरेन सरकार ने भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बना दिया
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आम लोग हैं लाचार और परेशान
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सरकार ने राजनीतिक एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को किया कमजोर
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लोकतांत्रिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर काम कर रही सरकार
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शिक्षा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा जैसी बुनियादी सुविधाएं नदारद
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1932 का खतियान है आजसू का संकल्प
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हेमंत सोरेन सरकार 1932 को लेकर हिमायती होने का भरती है दंभ