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लोस चुनाव : 12 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटा आइएसएफ

हालांकि अभी यह तय नहीं है कि आइएसएफ कहां-कहां से चुनाव लड़ेगी, लेकिन पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राज्य के उन तमाम क्षेत्रों में जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, वहां आइएसएफ अपने उम्मीदवार उतार सकती है.

विधानसभा चुनाव में एकमात्र सीट जीतनेवाली आइएसएफ (इंडियन सेकुलर फ्रंट) ने अब लोकसभा चुनाव में अपना ध्यान केंद्रित करने का फैसला लिया है. विधानसभा चुनाव के समय अल्पसंख्यकों के लिए नया विकल्प पेश करने का दावा करनेवाली नयी पार्टी आइएसएफ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में सफल रही. अब पार्टी लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाना चाहती है. प्रतिकूल हालातों के बावजूद 2021 के विधानसभा चुनाव में दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ से जीत दर्ज करने वाली पार्टी के प्रमुख नौशाद सिद्दिकी अभी से ही लोकसभा चुनाव के लिए रणनीति बनाने में जुट गये हैं. पार्टी सूत्रों ने बताया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में आइएसएफ कम से कम 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव पर भी नजर

पार्टी की नजर अल्पसंख्यक बहुल जिले खासतौर पर मुर्शिदाबाद, मालदा, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, हुगली और हावड़ा के उन विधानसभा क्षेत्रों पर है, जहां अल्पसंख्यकों की आबादी ज्यादा है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक नौशाद सिद्दिकी ने इस संबंध में फुरफुरा शरीफ के पीरजादा समेत अन्य अल्पसंख्यक हस्तियों से बात की है. ऐसे लोगों के साथ उनकी भी मीटिंग हुई है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि राज्य के अधिकतर क्षेत्रों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के समय अल्पसंख्यकों का समग्र वोट तृणमूल कांग्रेस की झोली में ही जाता रहा है. हालांकि अभी यह तय नहीं है कि आइएसएफ कहां-कहां से चुनाव लड़ेगी, लेकिन पार्टी के सूत्रों ने बताया कि राज्य के उन तमाम क्षेत्रों में जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या ज्यादा है, वहां आइएसएफ अपने उम्मीदवार उतार सकती है.

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तृणमूल के साथ माकपा व कांग्रेस की बैठक पर भड़के नौशाद सिद्दिकी

मुंबई में टीम I-N-D-I-A की बैठक में ममता के साथ येचुरी की बैठक करने की घटना पर आइएसएफ ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. पश्चिम बंगाल के संयुक्त मोर्चा में वामपंथियों के‘मित्र’ आइएसएफ नेता नौशाद सिद्दीकी ने सीधा सवाल किया है कि जहां के शासक के हाथों में विपक्ष का खून लगा हो, वहां माकपा-कांग्रेस, तृणमूल के साथ कैसे बैठ सकती है? उन्होंने कहा कि बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. इसके लिए जिम्मेवार तृणमूल कांग्रेस से देश का लोकतंत्र कैसे बचेगा? उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ‘इंडिया’ अलायंस में कांग्रेस और माकपा एक ही बेंच पर तृणमूल के साथ बैठकर मीटिंग कैसे कर रहे हैं.

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सीआइडी ने फिर की नौशाद से पूछताछ

भांगड़ में हुई हिंसा के मामले में सीआइडी ने इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दिकी से गुरुवार को दोबारा पूछताछ की. सीआइडी के बुलावे पर दोपहर दो बजे नौशाद भवानी भवन पहुंचे थे. वहां विभिन्न सवालों का जवाब देने के बाद वह शाम सात बजे वहां से बाहर निकल गये. बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने सभी सवालों के जवाब दिये हैं. अगर उन्हें फिर से बुलाया जाता है, तो वह दोबारा आयेंगे. गौरतलब है कि भांगड़ में पंचायत चुनाव के रिजल्ट की घोषणा के दिन एक राजनीतिक पार्टी के कार्यकर्ता की मौत हो गयी थी. इसे लेकर कुछ समय के लिए वहां अशांति थी. इसी मामले में नौशाद सिद्दिकी से विभिन्न सवालों के जवाब मांगे गये.

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बुद्धदेव भट्टाचार्य का हाल जानने उनके घर पहुंचे नौशाद

आइएसएफ के अध्यक्ष और भांगड़ विधायक नौशाद सिद्दीकी पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का हाल-चाल जानने के लिए उनके पाम एवेन्यू स्थित घर पहुंचे. हालांकि, बुद्धदेव से उनकी मुलाकात नहीं हुई. लेकिन उन्होंने मीरा भट्टाचार्य से बुद्धदेव के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. नौशाद ने कहा, “ मैं बुद्धदेव बाबू का हाल-चाल जाने गया था. उस वक्त वह सो रहे थे, इसलिए उनसे मुलाकात नहीं हो सकी. मैंने मीरा देवी से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. वह अब बिल्कुल ठीक हैं. उनके अस्पताल से लौटने के बाद मैंने सोचा था कि एक दिन उनके पास जाऊंगा. इसलिए गया. वह स्वस्थ रहें, मैं यही प्रार्थना करता हूं.” आइएसएफ अध्यक्ष ने आगे कहा,“ आज की दुनिया में बुद्धदेव भट्टाचार्य जैसी राजनीतिक हस्तियां दुर्लभ हैं. मैं कुछ समय पहले ही राजनीति में आया हूं. हालांकि, मैंने बुद्धदेव भट्टाचार्य के काम को, उनके भाषण को दूर से देखा और सुना है. मैंने उनकी किताब पढ़ी है. राजनीति में आने वाला कोई भी व्यक्ति ऐसे आदमी से मिलना चाहेगा. किसी और दिन मैं उनसे जरूर मिलूंगा.”

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