Jharkhand News: गिरिडीह के मधुबन में महापारणा महोत्सव की तैयारी जोरों पर है. महोत्सव में 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. वर्तमान में आचार्य 108 श्री प्रसन्न सागर जी महाराज पारसनाथ पर्वत पर मौन व्रत पर हैं. आचार्य प्रसन्न जी ने मौन व्रत रखते हुए पर्वत पर ही एकांत साधना की. 496 दिनों का निर्जला उपवास किया और सिर्फ 61 दिनों की लघु पारणा की है. इस महोत्सव में शिरकत करने 28 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला मधुबन आयेंगे. उनके आने को लेकर जहां प्रशासनिक तैयारियां जोरों पर चल रही है, वहीं महोत्सव तैयारी समिति ने भी आगंतुकों के आवागमन, ठहरने और खाने-पीने को लेकर तैयारियां कर रही है. महोत्सव में भाग लेने के लिए केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, बाबा रामदेव, नेपाल के दो-दो सांसद, कुवैत, सिडनी, ऑस्ट्रेलिया समेत विभिन्न देशों से काफी संख्या में विदेशी श्रावक भी पहुंच रहे हैं. इसके अलावे झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो भी कार्यक्रम में भाग लेंगे. साथ ही देश के विभिन्न राज्यों के कई आइएएस व आइपीएस अधिकारी के भी आने की सूचना है.
28 जनवरी से लेकर तीन फरवरी तक मनाया जायेगा महोत्सव
सात दिवसीय महोत्सव 28 जनवरी से लेकर तीन फरवरी, 2023 तक मधुबन में मनाया जायेगा. तैयारियां अंतिम चरण में है. महोत्सव तैयारी समिति के संयोजक ऋषभ जैन और उपाध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी नवनीत जैन ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी है. उन्होंने बताया कि 30 हजार से भी ज्यादा लोग इस महोत्सव में भाग लेंगे. पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज 28 जनवरी को पारसनाथ पर्वत से नीचे आयेंगे. पर्वत से मधुबन तक उतरने के दौरान जगह-जगह उनका स्वागत किया जायेगा. आचार्य श्री के लिए विशेष पालकी व बैंड बाजे की व्यवस्था की गयी है. मधुबन बाजार समिति, पंचायत समिति, मजदूर समिति समेत कई संस्थाएं सम्मानित करने को लेकर तैयारियां कर रही है. मधुबन के खेल मैदान में भव्य पंडाल बनाया जा रहा है. वहीं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के रहने के लिए सभी धर्मशालाएं आदि बुक कर हो चुकी है.
प्रसन्न सागर जी महाराज का 557 दिनों का मौन व्रत
जैनाचार्य ऋषभ जैन ने बताया कि इस तरह की कठिन व्रत की साधना भगवान महावीर ने की थी और इस सदी के ये पहले आचार्य ऐसे हैं जिन्होंने 557 दिनों का मौन व्रत रखकर कठिन साधना की है. उन्होंने बताया कि भारतीय आध्यात्म एवं संस्कृति के आलोक से विश्व मानव को आलौकिक करने वाले युवा संन्यासी पूज्य गुरुदेव साधना के अभूतपूर्व प्रमाण हैं. उन्होंने यह साधना सिर्फ अपने आत्म कल्याण के लिए नहीं, बल्कि सभी जीवों की आत्मा के कल्याण, शांति और सौहार्द का मार्ग प्रशस्त करने के लिए की है.
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मौन व्रत तोड़ने के बाद प्रसन्न सागर जी देंगे प्रवचन
श्री जैन ने बताया कि 28 जनवरी को सुबह साढ़े आठ बजे आचार्य श्री मौन व्रत तोड़ेगे और इसके बाद मंगल प्रवचन होगा. नौ बजे महापारणा के बाद संध्या छह बजे आचार्य जी का दोबरा प्रवचन और आरती होगी. शाम सात बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. 29 जनवरी को गर्भ कल्याणक पूर्व यज्ञ मंडल विधान, 30 जनवरी को मंदिर शुद्धि व गर्भ कल्याणक पूजा, 31 जनवरी को जन्म कल्याणक स्वर्णिम जन्म अभिषेक, 01 फरवरी को अध्यात्मिक दीक्षा कल्याणक, 02 फरवरी को अलौकिक ज्ञान कल्याणक और तीन फरवरी को मोक्ष कल्याणक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा.
महोत्सव की राशि मधुबन में ही होगी खर्च ऋषभ जैन ने बताया कि महापारणा महोत्सव के दौरान जितनी भी राशि प्राप्त होगी, वह मधुबन के सामाजिक, आर्थिक समेत अन्य कार्यों पर खर्च की जायेगी. उन्होंने बताया कि मधुबन में एक अस्पताल बनाने की भी योजना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है. साथ ही स्थानीय लोगों के हितों को ध्यान में रखकर अन्य योजनाएं भी धरातल पर उतारी जायेगी.