भाई-बहन के साथ स्वस्थ होने लगे प्रभु जगन्नाथ, अणसर गृह में हो रही गुप्त सेवा
Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश) : अणसर गृह में इलाजरत प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा अब बीमारी से ठीक होने लगे हैं. मान्यता अनुसार पिछले 24 जून को देव स्नान पूर्णिमा पर अत्याधिक स्नान करने की वजह से उन्हें ज्वर हो गया था. इसके बाद वे गर्भगृह से अलग एक कक्ष अणसर गृह में कोरेंटिन हो गए हैं. प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा को एकांतवास में रखा गया है.
Jharkhand News, सरायकेला न्यूज (शचिंद्र कुमार दाश) : अणसर गृह में इलाजरत प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा अब बीमारी से ठीक होने लगे हैं. मान्यता अनुसार पिछले 24 जून को देव स्नान पूर्णिमा पर अत्याधिक स्नान करने की वजह से उन्हें ज्वर हो गया था. इसके बाद वे गर्भगृह से अलग एक कक्ष अणसर गृह में कोरेंटिन हो गए हैं. प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा को एकांतवास में रखा गया है.
पौराणिक कथा के अनुसार बुखार से पीड़ित प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के शरीर से बुखार को दूर करने के लिए उपचार किया जा रहा है. मंगलवार को स्नान पूर्णिमा के पांचवें दिन अणसर पंचमी से रूप से बीमार प्रभु जगन्नाथ अब स्वस्थ होने लगे हैं. इस बीमारी के दौरान आम मनुष्यों को दिये जाने वाले भोजन की तरह फल प्रसाद के रुप में चढ़ाया जाता है. हल्दी और दूध का भोग चढ़ाया गया. मंदिर के सेवकों द्वारा गुप्त सेवा के तहत ये सभी अनुष्ठान किये जाते हैं.
पौराणिक कथा के अनुसार बुखार से पीड़ित प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के शरीर से बुखार को दूर करने के लिए उपचार किया जा रहा है. उनके शरीर को ठीक करने के लिए पंचमी के दिन फुलुरी तेल की मालिश की जाती है. एक मिट्टी के बर्तन में शहतूत, किआ, कुछ चावल और कुछ अन्य मीठी जड़ी बूटियों के साथ सुगंधित फूलों को मिलाकर मिट्टी के बर्तन मालिश तेज बनाया जाता है. इसी से प्रभु जगन्नाथ की मालिश कर बुखार उतारा जाता है. आयुर्वेद के अनुसार, इन सभी फूलों और जड़ी-बुटी में शरीर को गर्म करने व बुखार को दूर करने की क्षमता होती है. प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा को जड़ी-बुड़ी से तैयार दबा के साथ साथ काढ़ा पिला कर इलाज किया जायेगा.
ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पुर्णिमा के दिन स्नान पूर्णिमा पर सरायकेला-खरसावां जिला के विभिन्न मंदिरों में प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा का महास्नान कराया गया. इस दौरान अत्याधिक स्नान से प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार हो गये हैं. प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा के बीमार होने के बाद बुधवार की रात मंदिर के रत्न सिंहासन से अणसर गृह में ले जाया गया.
Also Read: कायाकल्प पुरस्कार की घोषणा, झारखंड के इन दो जिलों का रहा बेहतर प्रदर्शनप्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा का रत्न सिंहासन अब खाली हो गया है. इस दौरान भक्तों को दर्शन नहीं हो रहा है. नौ जुलाई को प्रभु जगन्नाथ स्वास्थ्य हो कर भक्तों को दर्शन देंगे. इसी दिन प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व देवी सुभद्रा का नेत्र उत्साव होगा. 10 को नव यौवन दर्शन सह उभा यात्रा आयोजित की जायेगी. 12 को प्रभु जगन्नाथ का वार्षिक रथ यात्रा है. इस दौरान मंदिर के अणसर गृह में तीनों की प्रतिमाओनं की रंगाई-पुताई का कार्य भी किया जायेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra