भगवान जगन्नाथ महास्नान कर गए एकांतवास, नेत्र उत्सव पर 19 जून को देंगे दर्शन, 20 जून को निकलेगी रथयात्रा
हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की स्नान यात्रा आयोजित की गयी. मंदिर के गर्भ गृह से चतुर्था मूर्ति को स्नान मंडप पर ला कर स्नान कराया गया. इस दौरान अगरू, चंदन,गाय का घी, दूध, दही, मधु,हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया.
खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश: जय जगन्नाथ के जयघोष के बीच हरिभंजा, सरायकेला, चांडिल व खरसावां स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा आयोजित की गई. मंदिर के गर्भगृह से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की प्रतिमा को पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ स्नान मंडप तक लाया गया. इसके बाद पहले सूर्य पूजा, फिर स्नान यात्रा की पूजा की गई. इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महास्नान के बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार पड़ गए हैं. उन्हें अणसर गृह में रखा गया है. अब अगले 15 दिनों तक महाप्रभु के दर्शन नहीं होंगे. 19 जून को नेत्र उत्सव पर महाप्रभु के अलौकिक रूप के दर्शन होंगे.
हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की स्नान यात्रा आयोजित की गयी. मंदिर के गर्भ गृह से चतुर्था मूर्ति को स्नान मंडप पर ला कर स्नान कराया गया. इस दौरान अगरू, चंदन,गाय का घी, दूध, दही, मधु,हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया. इसके बाद भक्तों के उलूध्वनि व शंखनाद ध्वनि के बीच स्नान मंडप पर प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बड़े भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया. स्नान मंडप पर प्रभु जगन्नाथ के दर्शन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. देर शाम चतुर्था मूर्ति को स्नानमंडप से अणसर गृह ला कर रखा गया, जहां अगले 15 दिनों तक गुप्त नीति से पूजा अर्जना की जायेगी. अब 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा का अलग-अलग जड़ी बूटियां देकर उपचार किया जाएगा. इस दौरान मुख्य रुप से मंदिर के पुरोहित पं प्रदीप दाश, बलराम दास, जगन्नाथ त्रिपाठी, जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, पृथ्वीराज सिंहदेव समेत बड़ी संख्या में लोग महा प्रभु के स्नान यात्रा में पहुंचे थे.
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चांडिल के साधु बांध मठिया दशनामी नागा सन्यासी आश्रम चांडिल में रविवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पुर्णिमा के पावन अवसर पर प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्र को स्नान मंडप में दुध, दही, मधु, गंगाजल, गुलाब जल आदि से स्नान कराया गया. प्रभु की स्नान के दौरान काशी से आये पुजारियों द्वारा विधिवत मंत्र उच्चारण कर पूजा अर्चना किया गया. पूजा अर्चना के बाद महाआरती किया गया. इस दौरान भक्तो के बीच प्रसाद का बितरण किया गया. मौके पर पंचदशननामन जूना अखाड़ा सह पारडीह कालि मंदिर के मंहत विद्यानंद सरस्वती जी ने कहा त्रिमूर्ति का स्नान कराया. स्नान के बाद प्रभु बीमार पड़ जाते है. जिसके कारण 15 दिनो तक उनका अणसर गृह में उपचार किया जाता है. इस अवसर पर महंत विद्यानंद सरस्वती जी, महंत केशवानंद सरस्वती जी, महंत इंद्रानंद सरस्वती, महंत मेघानंद सरस्वती, आजसू नेता हरेलाल महतो, भाजपा नेता मुचिराम बाउरी, रत्नाकर खैतान, दीपू जायसवाल, खगेन महतो, मधु गोराई, प्रबोध उरांव, बॉबी जालान, आशीष कुंडू, मधु सिंह, अंगद गोप, संजय चौधरी, जितेंद्र सिंह, मृत्यंजय सोनी, लाल मोहन दास, मनोज वर्मा आदि उपस्थित थे.
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खरसावां के राजबाड़ी स्थित जगन्नाथ मंदिर में सादगी के साथ प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा का स्नान यात्रा आयोजित की गई. मंदिर के पुजारियों ने स्नान यात्रा पर प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा की प्रतिमाओं को मंदिर के सिंहासन से नीचे उतारकर वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजा अर्चना की. इस दौरान हवन पूजन के बाद स्नान यात्रा की सभी रस्म निभाई गई. पं अंबुजाख्यो आचार्य, राजाराम सतपथि समेत अन्य पूजारियों ने स्नान यात्रा पूजा को संपन्न कराया. महाप्रभु के महा स्नान के बाद तीनों प्रतिमाओं को मंदिर के अंदर ले जाकर रखा गया. मालूम हो कि राजबाड़ी में 200 वर्ष से भी अधिक समय से प्रभु जगन्नाथ की पूजा अर्चना हो रही है. मंदिर के सेवकों द्वारा प्रभु की गुप्त सेवा की जाएगी. 15 दिनों में किसी को भी प्रभु जगन्नाथ बलभद्र व देवी सुभद्रा के दर्शन नहीं होंगे. रथ यात्रा के एक दिन पूर्व 19 जून को नेत्र उत्सव पर प्रभु जगन्नाथ के नव यौवन रूप के दर्शन होंगे. 20 जून को वार्षिक रथयात्रा निकलेगी.
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सरायकेला के जगन्नाथ मंदिर में ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं देवी सुभद्रा को शुद्ध जल से वैदिक मंत्रोचार के साथ स्नान कराया गया. जगन्नाथ मंदिर में देव स्नान पूर्णिमा पर विशेष पूजा अर्चना की गई. इसके बाद भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा को स्नान कराया गया. इससे पूर्व पंडितों ने वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की. पूजारियों ने स्नान यात्रा पूजा को संपन्न कराया. स्नान के बाद भगवान भगवान जगन्नाथ बीमार हो गए हैं. अगले 15 दिनों तक बंद कमरे में उनका उपचार किया जाएगा. स्नान यात्रा के दौरान मंदिर में सभी रश्मों को निभाया गया. इस दौरान भगवान अपने भक्तों को दर्शन नहीं देंगे. इस दौरान भंडारे का आयोजन कर भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया. इस दौरान मंदिर के पूजारी ब्रम्हानंद महापात्र, राजा सिंहदेव, राजेश मिश्रा, शंकर सतापति, सुमीत महापात्र, सुशांत महापात्र , मनोज चौधरी समेत काफी संख्या में लोग मौजूद रहे.