17.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Love-All Movie Review: स्पोर्ट्स बैकड्रॉप पर बनी यह फिल्म जिंदगी जीने का फलसफा है बताती

Love-All Movie Review: सुधांशु के स्पोर्ट्स ड्रामा, लव-ऑल में बेहतरीन कलाकार हैं और यह इस शैली में अब तक देखे गए सर्वश्रेष्ठ में से एक है. बैडमिंटन के खूबसूरत खेल पर बनी फिल्म लव ऑल इसकी आगे की कड़ी है. यह फिल्म इस खेल के साथ साथ जिंदगी में भी हार कर फिर से उठने की सीख देती है.

फिल्म – लव ऑल

निर्देशक – सुधांशु शर्मा

कलाकार – के के मेनन, स्वस्तिक मुखर्जी, श्रीस्वरा, अतुल श्रीवास्तव, सत्यकाम आनंद, राजा बुंदेला और अन्य

प्लेटफार्म – सिनेमाघर

रेटिंग – ढाई

Love-All Movie Review: बीते एक दशक में स्पोर्ट्स ड्रामा फ़िल्में एक अहम जॉनर बनकर सामने आयी हैं. बैडमिंटन के खूबसूरत खेल पर बनी फिल्म लव ऑल इसकी आगे की कड़ी है. यह फिल्म इस खेल के साथ साथ जिंदगी में भी हार कर फिर से उठने की सीख देती है. फिल्म की कहानी प्रेडिक्टेबल है, लेकिन यह पूरे समय आपको बांधे रखती है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता है.

जिंदगी की हार से उबरने की है कहानी

फिल्म की कहानी सिद्धार्थ (के.के मेनन) की है, जो अपने युवा दिनों में भोपाल का चैंपियन बैडमिंटन प्लेयर था, लेकिन खेल से जुड़ी राजनीति उसे खेल से दूर कर देती है और वह खुद को हर ख़ुशी से भी दूर कर देता है लेकिन एक बार फिर उसे ज़िंदगी खेल से जुड़ने का मौका देती है. उसके बेटे के ज़रिये. उसके बेटे को अपने पिता की तरह ही बैडमिंटन से खासा लगाव है, लेकिन उसके पिता को अब खेलों से नफरत है. वह नहीं चाहता कि उसका बेटा इस खेल से जुड़े. क्या सिद्धार्थ इस खेल और जिंदगी के प्रति अपनी कड़वाहट को दूर कर पाएगा. क्या सिद्धार्थ की तरह उसका बेटा भी खेल में होने वाली राजनीति का शिकार होगा. ये सब देखने के लिए आपको थिएटर में इस फिल्म को देखने के लिए रुख करना होगा.

फिल्म की खूबियां और खामियां

फिल्म की कहानी बहुत सिंपल है. स्पोर्ट्स के बैकड्रॉप पर बनी यह फिल्म मूल रूप से तो पिता और पुत्र के रिश्ते की कहानी है, लेकिन यह फिल्म यह भी बताती है कि खेल हर किसी की ज़िन्दगी में ज़रूर होना चाहिए. यह आपको ज़िंदगी जीने का फलसफा सीखाती है. फिल्म की कहानी बहुत हद तक प्रेडिक्टेबल भी है, लेकिन जिस तरह से इसे परदे पर कहा गया है. वह प्रभावित करता है. फिल्म में ड्रामा कम है. फिल्म मूल कहानी पर दूसरे भाग में आती है और कहानी वहां से रफ़्तार पकड़ती है. जिसमे बैडमिंटन का खेल रोमांच को बढ़ाता है. इस फिल्म के लेखक और निर्देशक सुधांशु का बैडमिंटन के खेल से जुड़ाव रहा है , इसलिए उन्होंने इस खेल को पूरी बारीकी के साथ परदे पर लाया है लेकिन अच्छी बात ये है कि उन्होंने मामला ज़्यादा टेक्निकल भी नहीं होने दिया है.फिल्म के संवाद कहानी के अनुरूप है. जिसमें खेलों से जुड़ी राजनीति पर कटाक्ष होने के साथ – साथ खिलाडी की असल भावना को भी समझया गया है कि दूसरी तरफ से खेलने वाला खिलाडी दुश्मन नहीं बल्कि एक साथी खिलाड़ी होता है. फिल्म का गीत संगीत औसत है.

Also Read: Jawan Twitter Review: जवान के ट्रेलर को ब्लॉकबस्टर बता रहे फैंस, बोले- शाहरुख खान इतिहास रचने के लिए तैयार
के के मेनन ने एक बार फिर दिल जीत लिया

अभिनय की बात करें तो के. के मेनन ने एक बार फिर दिल जीत लिया है.एक हारे हुए इंसान से खुशमिजाज इंसान बनने के अलग -अलग इमोशन को उन्होंने हर सीन के साथ बखूबी जिया है. बैडमिंटन खिलाड़ी के तौर पर दोनों बाल कलाकारों ने भी अपनी छाप बखूबी छोड़ी है. कोर्ट में खेलते हुए उनके दृश्य फिल्म के हाइलाइट्स पॉइन्ट्स में से एक है. एक आरसे बाद अभिनेता राजा बुंदेला परदे पर नज़र आये हैं, उन्होंने अपने किरदार के साथ बखूबी न्याय किया है. स्वस्तिक मुखर्जी, श्रीस्वरा, अतुल श्रीवास्तव, सत्यकाम आनंद भी अपनी भूमिकाओं में अच्छे रहे हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें