Agra : गाय के गोबर से बने दीपक से दीपावली होगी खास, नगर निगम में लगी दो दिवसीय स्टॉल
दीपावली खास बनाने के लिए नगर निगम ने पहल की है. 8 से नवंबर को नगर निगम स्टॉल लगा रहा है. यहां गाय के गोबर से बने हुए लक्ष्मी, गणेश, बंदनवार, शुभ लाभ बेचे जा रहे हैं.
आगरा. दीपावली के पावन त्यौहार को और ज्यादा बेहद आकर्षक और खास बनाने के लिए नगर निगम की पहल का आप हिस्सा बन सकते हैं. इसके लिए आपको नगर निगम में 8 और 9 नवंबर को लगाए गए स्टॉल पर जाना होगा. जहां पर आपको गाय के गोबर से बने हुए लक्ष्मी, गणेश, बंदनवार, शुभ लाभ, और भगवान की कई मूर्तियों के साथ दीपावली पर घर को सजाने के आइटम मिल जाएंगे. नगर निगम में लगी इस स्टॉल पर किफायती दामों में यह सारे उत्पाद आप ले सकेंगे. यह उत्पाद नगर निगम और लव यू जिंदगी फाउंडेशन के प्रयास से लोगों तक पहुंच रहे हैं.दीपावली के अवसर पर अधिकतर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां लोग बाजार से खरीद कर लाते हैं. लक्ष्मी, गणेश, शिव और हनुमान जी की मूर्तियों को लोग पूजा के बाद यमुना में विसर्जित करते हैं. जिससे यमुना नदी का जल प्रदूषित होता है. लेकिन लव यू फाउंडेशन और नगर निगम की संयुक्त पहल के तहत गाय के गोबर से लक्ष्मी, गणेश, हनुमान और शिवजी की मूर्तियां तैयार की गई हैं. इसके साथ ही शुभ लाभ, बंधनवार, गोबर के दीपक और कई अन्य ऐसे उत्पाद जो आपके घर की शोभा बढ़ाएंगे. जो कि तैयार कर लोगों को सेल किए जा रहे हैं.
नगर निगम और लव यू जिंदगी फाउंडेशन की मुहिम
नगर निगम में इससे पहले होली के त्योहार पर नगर निगम और लव यू जिंदगी फाउंडेशन की तरफ से गाय के गोबर से कई सारे प्रोडक्ट तैयार किए गए थे. जिन्हें लोगों ने काफी संख्या में खरीदा और अपने घर ले गए. इस बार फिर से दीपावली के त्यौहार के लिए भी तमाम प्रोडक्ट तैयार किए गए हैं. लव यू जिंदगी फाउंडेशन के मेंबर प्रांकुर जैन का कहना है कि गाय के गोबर से बनाए गए इन सभी उत्पादों का सबसे बड़ा फायदा है कि, यह किसी भी तरह से वातावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं पूजन के बाद जब आप इन मूर्तियों को विसर्जित करना चाहेंगे तो उसके लिए आपको यमुना नदी तक जाने की भी जरूरत नहीं है. इन उत्पादों को आप घर के गमले में या क्यारियों में रख सकते हैं. जिससे पानी के साथ यह उसी में घुल जाएंगे और आपके गमले में लगे हुए पौधे के लिए खाद की तरह काम करेंगे.
वहीं उन्होंने बताया कि नगर निगम के द्वारा कान्हा गौशाला संचालित की जा रही है. और इस गौशाला में गाय के गोबर से तमाम प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. गौशाला में करीब 5 से 6 कारीगर रोजाना यही काम करते हैं. हमारा लक्ष्य है कि जो लोग गाय के दूध से आर्थिक लाभ अर्जित करते हैं. वह करीब चार-पांच साल बाद जब गाय को दूध न देने पर छोड़ देते हैं. अब ऐसा नहीं करेंगे. क्योंकि जितना पैसा वह दूध से कमाते हैं उससे ज्यादा पैसा गाय के गोबर से तैयार इस तरह के प्रोडक्ट बनाकर और उन्हें बेचकर कमा सकते हैं.