Varanasi News: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रारम्भ किये गए एमए इन हिंदू स्टडीज के कोर्स में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के साथ ही रामायण और महाभारत को भी हिस्सा बनाया गया है. अपने आप में अनोखा यह कोर्स काशी की विद्वत्ता को प्रतिबिंबित करता हुआ, पुनर्जन्म के बंधन और इसके सिद्धांतों को भी जानने का मौका छात्रों को देगा.
एमए इन हिंदू स्टडीज को उत्तीर्ण करने के लिए हर विद्यार्थी को 16 पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना होगा, जिसमें 9 तो अनिवार्य हैं जबकि सात वैकल्पिक हैं. पीजी स्तर पर ऐसे कोर्स को शुरू करने वाला बीएचयू देश का पहला विश्वविद्यालय है. 18 जनवरी को विधिवत उद्घाटन के बाद 19 से 21 जनवरी तक विशेष व्याख्यान के माध्यम से छात्रों को अहम जानकारियां दी जाएंगी. इसमें जेएनयू दिल्ली, आईआईटी कानपुर, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र वाराणसी के निदेशक व्याख्यान देंगे.
अब तक इस कोर्स में 46 छात्रों का दाखिला हो चुका है, जिसमें 39 रेगुलर, 1 विदेशी और 6 पेड सीट छात्र हैं. इसके अनिवार्य पाठ्यक्रम को तीन वर्ग में बांटा गया है, जिसमें सिद्धांत, मेथड्स और अभ्यास शामिल हैं. दो साल, चार सेमेस्टर में इस डिग्री कोर्स की पढ़ाई पूरी होगी. 2590 रुपये प्रति वर्ष इस कोर्स की फीस निर्धारित है. वहीं, एससी, एसटी को 500 रुपये देने होंगे.
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पेड सीट कुल छह हैं, जिसके लिए 2590 रुपये देने होंगे. साथ ही दस हजार रुपये और लगेंगे. कर्मचारी कोटा पर छह सीटों पर दाखिला होगा. विदेशी छात्रों की सीट पर कुल छह दाखिला होगा. हर साल 49 हजार रुपये देने होंगे. सभी छात्रों को 16 पाठ्यक्रमों का अध्ययन करना होगा. इन सभी सीटों पर 265 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था.
एमए हिंदू अध्ययन कोर्स का दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही लिया जा रहा है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की ओर से कराई गई प्रवेश परीक्षा में इस बार 265 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. रैंक और प्रवेश के नियमानुसार दाखिला लिया जा रहा है. इस कोर्स को साप्ताहिक चलाया जाएगा. इसमें बीएचयू के विभिन्न विभागों के शिक्षकों को जोड़ा जाएगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी