PHOTOS: कोलकाता के बेहला में बना ‘फुचका’ पंडाल, गोलगप्पे में विराजीं हैं मां दुर्गा
बेहला के नतून दल पूजा कमेटी का पंडाल भी लोगों को अपनी ओर खींच रहा है. इस पंडाल की खासियत यह है कि यह फुचका (गोलगप्पा) से बना है. समाज के सभी वर्गों में फुचका की लोकप्रियता को देखते हुए कमेटी ने ‘संतुष्टि’ थीम पर एक आकर्षक पंडाल बनाया है.
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत देश भर में दुर्गोत्सव शुरू हो चुका है. कोलकाता में एक से बढ़कर एक थीम पर बने पंडाल दर्शनार्थियों को आकर्षित कर रहे हैं. अनोखे पंडालों की चर्चा शुरू हो गई हैं. उसे देखने के लिए भीड़ भी जुटने लगी है.
बेहला के नतून दल पूजा कमेटी का पंडाल भी लोगों को अपनी ओर खींच रहा है. इस पंडाल की खासियत यह है कि यह फुचका (गोलगप्पा) से बना है. समाज के सभी वर्गों में फुचका की लोकप्रियता को देखते हुए कमेटी ने ‘संतुष्टि’ थीम पर एक आकर्षक पंडाल बनाया है.
पंडाल में 50 हजार फुचका लगाये गये हैं. इसका शेप भी फुचका जैसा रखा गया है. पंडाल की दीवारों पर फुचका के स्टॉल भी दिखेंगे. जगह-जगह फुचका बनाने की सामग्री व औजार जैसे मैदा का बोरा, बेलन, चौकी आदि रखे गये हैं.
Also Read: Durga Puja Carnival: कोलकाता में दुर्गा पूजा कार्निवाल में जमकर नाचीं ममता बनर्जी, देखें Videoकमेटी के सदस्य देव कुमार मंडल ने कहा कि पूजा के दौरान फूड स्टॉल की काफी डिमांड रहती है. तरह-तरह के महंगे आइटम मिलते हैं. सिर्फ फुचका के ही स्टॉल पर आपको अमीर और गरीब सभी वर्ग के लोग मिलेंगे. मात्र चार से छह पीस फुचका खाकर लोग संतुष्टि पा लेते हैं.
फुचका का स्टॉल गरीब व अमीर के बीच का भेद मिटा देता है. यह ऐसा आइटम है, जिसमें मां के आशीर्वाद की तरह ही समानता का भाव दिखता है. इस वर्ष पूजा का बजट 50 लाख रुपए है. बता दें कि पुचका को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. बंगाल में फुचका, तो दिल्ली में पानी पुरी, पानी बताशा, तो कहीं गोलगप्पा के नाम जाना जाता है.