शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ संतोषी माता को भी समर्पित है. शुक्रवार के दिन आदिशक्ति माता के विभिन्न रुपों की पूजा-अर्चना की जाती है. इस व्रत के कई कठोर नियम हैं. इन नियमों का पालन करने के बाद व्रत सफल होता है.आइए, आज जानते हैं मां लक्ष्मी और मां संतोषी की आरती, जिनको करने से हमारी सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. आइए जानते हैं संतोषी माता की पूजा विधि और महत्व के बारे में.
Santoshi Mata Vrat: संतोषी माता व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है. शुक्रवार के दिन मां संतोषी माता की पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि माता संतोषी की पूजा-अर्चना से जीवन में सुख और समृद्धि आती है. साथ ही भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ती होती है.
मान्यता है कि अगर कोई अविवाहित कन्या 16 शुक्रवार के व्रत रखती है, तो उनकी शादी शीघ्र हो जाती है. वहीं, विवाहित महिलाओं को व्रत रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि माता संतोषी के पिता भगवान श्री गणेश हैं. और माता का नाम रिद्धि-सिद्धि है.
Santoshi Mata Aarti In Hindi: संतोषी माता की आरती
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
जय सन्तोषी माता….
सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो।
हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।।
जय सन्तोषी माता….
गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे।
मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।।
जय सन्तोषी माता….
स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे।
धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।।
जय सन्तोषी माता….
गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो।
संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।।
जय सन्तोषी माता….
शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही।
भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।।
जय सन्तोषी माता….
मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई।
बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।।
जय सन्तोषी माता….
भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै।