20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ममता सरकार पर फूटा मदरसा शिक्षकों का गुस्सा, तृणमूल से दूर होंगे मुस्लिम मतदाता, हाइकोर्ट में शिक्षकों ने रख दी है ये मांगें

Bengal Chunav 2021, Madarsa Teachers: मदरसा शिक्षक कहते हैं कि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की बंगाल (West Bengal News) में सरकार बने 10 साल हो गये. मदरसा शिक्षक 9 वर्षों से अवैतनिक काम कर रहे हैं. ये लोग लगातार वेतन देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मस्जिदों के मौलवी और मंदिरों के पुजारियों को गुजारा भत्ता देने वाली ममता बनर्जी की सरकार मदरसा में शिक्षा देने वाले शिक्षकों को वेतन देने के लिए तैयार नहीं है.

कोलकाता : ममता बनर्जी के करीबी नेता एक-एक कर तृणमूल कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं. साथ ही शिक्षकों के एक बड़े वर्ग ने ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. खासकर मदरसा शिक्षकों की वजह से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम मतदाता उससे दूर जा सकते हैं.

मदरसा शिक्षक कहते हैं कि ममता बनर्जी की बंगाल में सरकार बने 10 साल हो गये. मदरसा शिक्षक 9 वर्षों से अवैतनिक काम कर रहे हैं. ये लोग लगातार वेतन देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन मस्जिदों के मौलवी और मंदिरों के पुजारियों को गुजारा भत्ता देने वाली ममता बनर्जी की सरकार मदरसा में शिक्षा देने वाले शिक्षकों को वेतन देने के लिए तैयार नहीं है.

मदरसा शिक्षकों का कहना है कि बच्चों को शिक्षा देते हैं, ताकि वे जीवन में आगे बढ़ सकें. तरक्की कर सकें. बच्चे समाज, राज्य और देश का भविष्य हैं. उनका भविष्य गढ़ने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है. लेकिन, हमारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी देश के भविष्य का भविष्य गढ़ने वालों के बारे में सोचती ही नहीं. उन्हें वोट बैंक की चिंता है. इसलिए मौलवी और पंडितों को वेतन दे रही हैं, लेकिन शिक्षकों के बारे में सोचने की उन्हें फुरसत नहीं है.

Also Read: अधीर रंजन को AIMIM भी मंजूर, अब्बास का ISF, राजद और कई अन्य दल भी होंगे कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन का हिस्सा

मदरसा शिक्षक कह रहे हैं कि वे किसी तरह जीवन यापन कर रहे हैं. अब सहने की शक्ति समाप्त हो चुकी है. इसलिए इच्छामृत्यु मांग रहे हैं. इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा. मदरसा शिक्षकों ने कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर कर यह मांग की है. राज्य के 16 मदरसा शिक्षकों ने इस संबंध में हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

जानकारी के अनुसार, राज्य में सरकारी मान्यताप्राप्त 234 मदरसे हैं, जहां करीब 2500 शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पिछले नौ वर्ष से उनको वेतन नहीं मिल रहा है. इसलिए उन्होंने हाइकोर्ट उन्हें इच्छा मृत्यु का वरण करने की अनुमति प्रदान करे.

Also Read: Bengal Chunav 2021 LIVE Update : बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखों की हो गयी घोषणा? सोशल मीडिया में वायरल है शेड्यूल
मदरसा शिक्षकों ने दिये तीन विकल्प

याचिका में मदरसा शिक्षकों ने हाइकोर्ट के समक्ष तीन विकल्प भी सुझाये हैं. कहा है कि बकाया वेतन का भुगतान करने के लिए राज्य सरकार को माननीय न्यायालय आदेश दें. दूसरा विकल्प यह है कि सभी शिक्षकों को जेल में बंद कर दिया जाये, ताकि उन्हें दो वक्त का भोजन लगातार मिलता रहे. तीसरा और अंतिम विकल्प उन्हें इच्छामृत्यु की अनुमति देना है. मामले पर सुनवाई अगले कुछ दिनों में हाइकोर्ट में होने की संभावना है.

Posted By : Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें