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Madhepura: अवैध का नोटिस मिलने के बावजूद नर्सिंग होम खोल कर महिला की ले ली जान, सभी कर्मी फरार

Madhepura: जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत मुख्यालय के समीप अस्पताल के बगल में एक अवैध निजी क्लिनिक में इलाज के बाद महिला की मौत हो गयी. इसके बाद क्लिनिक बंद कर सभी कर्मी फरार हो गये.

Madhepura: जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत मुख्यालय के समीप अस्पताल के बगल में एक अवैध निजी क्लिनिक में इलाज के बाद महिला की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि चौसा प्रखंड अंतर्गत घोषई पंचायत के भोला वासा वार्ड नंबर 9 निवासी विशुनदेव मंडल की पत्नी 65 वर्षीय सत्या देवी को शुक्रवार की देर शाम बुखार होने पर परिजनों द्वारा निजी क्लीनिक में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गयी.

महिला की मौत के बाद क्लिनिक में एक पूर्व में रह चुके चौसा सरकारी अस्पताल के एंबुलेन्स चालक ही अपना क्लिनिक खोल कर चला रहे महेंद्र प्रसाद पहले परिजन को यह कह कर टाल दिया कि रोगी गंभीर है. इससे सरकारी अस्पताल ले जाएं, जहां ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक डॉक्टर स्वांगिनी कुमारी ने मृत घोषित कर दिया.

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Madhepura: अवैध का नोटिस मिलने के बावजूद नर्सिंग होम खोल कर महिला की ले ली जान, सभी कर्मी फरार 2

वहीं, चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर स्वांगिनी कुमारी ने बताया कि परिजनों द्वारा बताया गया कि इनका इलाज चौसा अस्पताल के बगल में निजी क्लिनिक में कराया जा रहा था. वह बुखार से पीड़ित थी. सूई देने के बाद मौत हो गयी. घटना के बाद क्लिनिक में ताला लगा कर सभी कर्मी भाग निकले.

जिले के चौसा में अवैध नर्सिंग होम संचालक और क्लिनिक के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई चल रही है. चौसा प्रखंड मुख्यालय सहित कलाशन क्षेत्र में बिना वैध डिग्री के अधिकतर क्लिनिक व पैथोलॉजी सेंटर चल रहे हैं. बताया जाता है कि कुछ फर्जी डॉक्टर भी बिना किसी भय के क्लिनिक चला रहे हैं. इसका खामियाजा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई के दौरान क्लिनिक बंद करने की नोटिस देने के बावजूद दर्जनों डॉक्टरों ने अपने दस्तावेजों की जांच जिलास्तरीय कमेटी से नहीं करायी. जानकारी के अनुसार जिस निजी क्लिनिक में एक महिला की मौत हुई थी. उस क्लिनिक पर सीएचसी प्रभारी ज्ञान रंजन कुमार और अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह द्वारा अवैध क्लिनिक एवं नर्सिंग होम का नोटिस जारी किया गया था.

नोटिस दिये जाने के बावजूद प्रशासन को नजरअंदाज करते हुए सभी क्लिनिक बेधड़क चल रहे हैं. इसका परिणाम शुक्रवार रात देखने को मिला, जब एक महिला की मौत हुई, तो डॉक्टर फरार हो गये. वहीं, अगर परिजन डॉक्टरों के सबूत खोजे, तो नामुमकिन है. क्योंकि, ना ही डॉक्टर का बोर्ड लगा था और ना ही मेडिकल बोर्ड. सिर्फ मौखिक तौर पर लोगों को पता था कि क्लिनिक है.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से मात्र पचास मीटर के दूरी पर ही यह क्लिनिक है. जबकि, उसी अस्पताल के प्रभारी को जांच करने और नोटिस का आदेश दिया था. इससे स्थानीय पदाधिकारी की मिलीभगत को लेकर भी लोगों का संदेह गहराता जा रहा है.

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