Madhepura: हत्या करना कबूल नहीं करने पर मुख्य गवाह को पुलिस ने इतना पीटा कि बिगड़ गया मानसिक संतुलन, रेफर
Madhepura: जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के जोतैली गांव के मनोहर मेहता हत्याकांड मामले में एक मुख्य गवाह और मृतक के मौसेरे भाई को बेरहमी से पीटने का आरोप बिहारीगंज पुलिस पर लगा है.
Madhepura: जिले के बिहारीगंज थाना क्षेत्र के जोतैली गांव के मनोहर मेहता हत्याकांड मामले में एक मुख्य गवाह और मृतक के मौसेरे भाई को बेरहमी से पीटने का आरोप बिहारीगंज पुलिस पर लगा है. दोनों पीड़ित का इलाज जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में किया गया. इनमें से एक हत्याकांड के मुख्य गवाह को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया है. वहीं, दूसरे का इलाज मेडिकल कॉलेज में ही जारी है.
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कार्रवाई नहीं होने पर संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी
पीड़ित के परिजनों का आरोप है कि हत्याकांड के मुख्य गवाह को ही पुलिस ने इतनी बेरहमी से पीटा कि पीड़ित अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है. इलाज के दौरान पीड़ित और उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने पूछताछ के लिए थाना बुलाया और घटना के मुख्य गवाह व परिजन को पुलिस मारपीट कर कई तरह से प्रताड़ित कर हत्या कबूल कराना चाह रही थी.
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पुलिस पर लगे हैं कई आरोप
जिले के उदाकिशुनगंज अनुमंडल अंतर्गत बिहारीगंज थाना क्षेत्र के जोतैली गांव में मनोहर मेहता की हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में गांव की महिला मुखिया समेत पांच लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, लेकिन पुलिस अब तक इस मामले में कुछ खुलासा नहीं कर पायी है. आरोप है कि मनोहर मेहता हत्याकांड मामले में बिहारीगंज की पुलिस ने मृतक मनोहर मेहता के मौसेरे भाई संतोष मेहता को 13 अप्रैल की रात में पूछताछ के लिए घर से उठाकर थाना ले गये. इसके बाद शुक्रवार तक बेरहमी से पुलिस ने उसकी पिटाई की.
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पूछताछ के नाम पर मुख्य गवाह को ले आयी थी पुलिस
इसी बीच, बिहारीगंज की पुलिस ने गुरुवार को हत्याकांड के मुख्य गवाह श्यामल मेहता समेत बाबूलाल मेहता को पूछताछ के नाम पर थाने ले आयी. श्यामल मेहता के साथ भी पुलिस ने बड़ी बर्बरता पूर्वक मारपीट की. बाबूलाल मेहता के साथ भी मारपीट की गयी. परिजनों ने बताया कि संतोष मेहता और बाबूलाल मेहता को तो पुलिस ने शुक्रवार को ही छोड़ दिया था, लेकिन श्यामल मेहता को पूछताछ के नाम पर नहीं छोड़ा गया.
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मेडिकल कॉलेज में भर्ती थे पीड़ित, पुलिस कह रही थी हो रही पूछताछ
मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान पीड़ित संतोष मेहता की मां ने आरोप लगाया कि पुलिस उनके पुत्र को पूछताछ के लिए ले गयी. उसके बाद वह जब भी थाने जाकर पुत्र से मिलने की बात कहती, तो पुलिस द्वारा उन्हें भगा दिया जाता था. शुक्रवार को स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध करने के बाद पुलिस ने संतोष मेहता व बाबूलाल मेहता को छोड़ दिया. जैसे ही संतोष मेहता घर पहुंचे तो वह मूर्छित होकर गिर पड़े. घटना से आक्रोशित लोग थाना पहुंचे, लेकिन एक भी पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे. मौजूद प्रतिनिधियों ने जब श्यामल मेहता की जानकारी लेनी चाही, तो पुलिस अधिकारियों ने बताया कि श्यामल मेहता से पूछताछ की जा रही है.
दोषी पुलिस अधिकारी पर की है कार्रवाई की मांग
परिजनों व ग्रामीणों ने बताया कि संतोष की हालत बेहद खराब होने के कारण परिजनों ने उसे बिहारीगंज पीएचसी ले जाया गया, जहां से शनिवार को चिकित्सकों ने उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. संतोष को लेकर उनके परिजन व ग्रामीण जन मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि श्यामल मेहता पूर्व से ही मेडिकल कॉलेज में इलाजरत हैं. बिहारीगंज के कुछ पुलिस द्वारा चोरी-छिपे श्यामल मेहता का हाथ-पैर बांधकर उनका इलाज किया जा रहा है. लोगों ने बताया कि श्यामल मेहता के साथ इतनी बुरी तरह मारपीट की है कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है. जदयू जिलाध्यक्ष मंजू कुमारी उर्फ गुड्डी देवी व भाजपा जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार मेडिकल कॉलेज पहुंचे और दोषी अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की.
क्या कहते हैं अधिकारी
मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने कहा कि बिहारीगंज थानाध्यक्ष रणवीर कुमार के विरुद्ध शिकायत के आधार पर उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है. तत्काल सदर थाना से अवर निरीक्षक अमित कुमार को बिहारीगंज थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित किया गया है. पूरे प्रकरण की विशेष जांच के लिए इंस्पेक्टर शशि भूषण को जिम्मेदारी दी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे भी कार्रवाई की जायेगी.