बिहार: गांव की 2000 महिलाओं के कपड़ों की करनी होगी धुलाई, दुष्कर्म के प्रयास में जेल गये आरोपित को सशर्त जमानत

बिहार की एक अदालत ने महिला के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित को इस शर्त पर जमानत दी है कि वो गांव की सभी महिलाओं का कपड़ा साफ करेगा और प्रेस करके उसे वापस देगा.

By Prabhat Khabar News Desk | September 22, 2021 8:33 AM

झंझारपुर (मधुबनी) की एक निचली अदालत ने एक महिला के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित को इस शर्त पर जमानत दी कि वह रिहा होने के बाद गांव की सभी महिलाओं के कपड़े साफ करेगा. साथ ही आयरन कर उन्हें वापस करेगा. एडीजे अविनाश कुमार (प्रथम) ने 20 वर्षीय युवक ललन कुमार की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में महिलाओं को सम्मान देने की सीख भी दी. ललन कपड़ा धोने के पेशे से जुड़ा रहा है.

छह माह तक मुफ्त में गांव की महिलाओं के कपड़े धोने होंगे

कोर्ट के आदेश के मुताबिक, उसे रिहा होने के छह माह तक मुफ्त में गांव की महिलाओं के कपड़े धोने होंगे. लौकहा थाना क्षेत्र के एक गांव का निवासी ललन 19 अप्रैल, 2021 से हिरासत में है. उस पर 17 अप्रैल की रात गांव की एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म के प्रयास का आरोप है. लौकहा थाना प्रभारी संतोष कुमार मंडल ने बताया है कि 17 अप्रैल की रात आरोपित युवक ने गांव की एक महिला के साथ छेड़खानी व दुष्कर्म का प्रयास किया था. पीड़िता के बयान पर 18 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. पुलिस ने 19 अप्रैल को ही आरोपित युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

सरपंच और मुखिया करेंगे निगरानी

सुनवाई कर रहे एडीजे ने जमानत के साथ कपड़ा धोने का शर्त पूरा करने और छह माह बाद अपने गांव के मुखिया या सरपंच अथवा किसी भी सम्मानित सरकारी कर्मी से मुफ्त सेवा करने का प्रमाण पत्र लेकर कोर्ट में समर्पित करने का निर्देश भी दिया है. जमानत की कॉपी गांव के सरपंच और मुखिया को भी भेजी जायेगी, ताकि वे इस बात पर नजर रख सकें कि जमानत पर रिहा होने वाला युवक कोर्ट के आदेश का पालन कर रहा है या नहीं.

Also Read: नीट में भी कई छात्रों की उम्मीदवारी होगी रद्द, कई राज्यों के स्टूडेंट्स धांधली में हैं शामिल
गांव में महिलाओं की आबादी करीब 2000

जिस गांव की पीड़ित महिला है, उस गांव में महिलाओं की आबादी करीब 2000 है. संबंधित पंचायत की निवर्तमान मुखिया नसीमा खातून ने बताया कि जिस वार्ड का यह मामला है, उस वार्ड में ही महिलाओं की संख्या करीब 425 है. नसीमा ने कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला है. इससे महिलाओं के मान सम्मान की रक्षा होगी और इस प्रकार की घटना करने से पहले लोग सौ बार सोचेंगे.

इससे समाज में संदेश जायेगा : वकील

इस मामले में आरोपित ललन कुमार साफी के वकील परशुराम मिश्र ने बताया कि यह एक प्रकार का सामाजिक संदेश है. इससे समाज में एक सीख जायेगा. कोई भी युवक इस प्रकार की घटना की पुनरावृति नहीं करेगा.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version