Exclusive: मेरी वजह से मेरी मां ने कभी अपनी जिंदगी नहीं जी- माधुरी दीक्षित
बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म मजा मा को लेकर सुर्खियों बटोर रही है. फिल्म जल्द ही अमेजॉन प्राइम वीडियो पर रिलीज होने वाली है. इसमें वो एक दमदार अंदाज में दिखेंगी.
अभिनेत्री माधुरी दीक्षित जल्द ही अमेजॉन प्राइम वीडियो की फ़िल्म मजा मा में नज़र आएंगी. माधुरी दीक्षित नेने कहती हैं कि वह मौजूदा दौर के अपने एक्टिंग करियर को एन्जॉय कर रही हैं जहां किरदार रियलिस्टिक के साथ-साथ रिलेटबल भी है. वुमन सेंट्रिक प्रोजेक्ट्स में काफी अलग -अलग तरह की कहानियां और किरदार ऑफर्स हो रहे हैं. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत.
त्यौहारों का मौसम चल रहा है,त्यौहारों की सबसे खास बात क्या आपको लगती है ?
यह परिवार और दोस्तों को साथ जोड़ता है. अगर किसी दोस्त या परिवार के किसी सदस्य के साथ कहासुनी हो गयी हो,तो त्यौहारों से अच्छा मौका क्या हो सकता है. फेस्टिवल के दौरान हम शेयरिंग भी सबसे ज़्यादा करते हैं. परिवार और दोस्तों के साथ अपने पसंदीदा खान पान को शेयर करना. उनको गिफ्ट देना. यह सब बहुत खास होता है.
आपका सबसे पसंदीदा त्यौहार कौन सा है?
गणपति का त्यौहार मुझे बहुत पसंद है. उससे जुड़ी कई खास यादें हैं. गणपति में अपनी दादी के साथ मिलकर मोदक बनाती थी. वो जो मोदक के चारों ओर पंखुड़ियों के समान डिजाइन होते हैं. उन्हें दादी के साथ मिलकर अपने हाथों से बनाती थी(हंसते हुए) अभी तो कामचोरी की वजह से सांचे से वो शेप दे देती हूं. गणपति में नव्वारी साड़ी पहनना भी मुझे बहुत पसंद है.
मजा मा फ़िल्म के गीत रंगीला मेरा नाच में आप गरबा कर रही हैं,यह पहला आपका गरबा डांस पर आधारित गीत होगा, कैसा अनुभव रहा था?
मैं जब इस गाने की शूटिंग कर रही थी,तो मैंने यह महसूस किया कि अब तक मैंने कभी गरबा पर डांस नहीं किया था, इसलिए इस गाने की शूटिंग को मैंने बहुत एन्जॉय किया. मैंने बकायदा इसकी ट्रेनिंग ली हैं. श्रुति गरबा एक्सपर्ट हैं,उनसे मैंने ट्रेनिंग ली है. गरबा करते हुए जो आगे-पीछे का मूवमेंट्स होता है. उसे पोपट मूवमेंट्स कहते हैं. यह भी मुझे इसी ट्रेनिंग के दौरान मालूम पड़ा. इस गाने में पूरी स्टारकास्ट शामिल थी तो हमने बहुत एन्जॉय किया.
माधुरी दीक्षित डांस का वो खास नाम है,जिसे हमेशा परफेक्शन से जोड़ा जाता है क्या आप पर बात का प्रेशर रहता है?
परफेक्शन ये जो शब्द है. वो एक भ्रम है. कोई भी किसी भी चीज़ में सबसे परफेक्ट नहीं हो सकता है,लेकिन हां अपना सर्वश्रेष्ठ देने की मेरी कोशिश रहती है.
अपने युवा दिनों में नवरात्रि में आप गरबा या डांडिया खेलने जाती थी?
बहुत कम,जैसे कि सभी को पता है कि मैं बहुत छोटी उम्र से ही एक्टिंग में आ गयी थी और हमारे वक़्त शूटिंग के एक के साथ कई शिफ्ट होते थे तो मुश्किल से समय मिल पाता था. उसके बाद प्रसिद्धि मिल गयी,तो सार्वजनिक जगहों पर जा नहीं सकते थे. वैसे मैं अपने काम को बहुत एन्जॉय करती थी.
फ़िल्म मज़ा मा में अपने किरदार से आप कितना जुड़ाव महसूस करती हैं?
बहुत ज़्यादा निजी जिंदगी में मैं भी एक पत्नी और मां हूं. मेरे बच्चे भी बड़े हो गए हैं. एक कॉलेज जाने लगा है. एक स्कूल में है. मैं ये भी जानती हूं कि बच्चे जब छोटे होते हैं,तो उनकी परेशानियां छोटी-छोटी होती हैं. जब बड़े होते हैं तो परेशानियां भी बड़ी-बड़ी हो जाती हैं.
आपकी शादी नॉन फिल्मी बैकग्राउंड में हुई है,ऐसे में उन्होंने आपके काम को कितना समझा औऱ उसमें सपोर्ट किया?
एक्टिंग मेरा काम है. इसे मेरे परिवार वालों ने दूसरे कामों की तरह ही समझा. मैं इस मामले में लकी रही हूं कि मेरे पति एक हार्ट सर्जन हैं. वह एक प्रोफेशनल हैं, इसलिए मेरी प्रोफेशनल लाइफ को वह अच्छी तरह से समझते हैं. मेरी सास रियल एस्टेट एजेंट रही हैं, उन्होंने अपनी सारी ज़िन्दगी काम को महत्व दिया. इस तरह से वह मेरे काम को भी समझती हैं. मैं बहुत ही लकी हूं कि मेरे पास हमेशा ऐसे लोग रहें,जिन्होंने मेरे सपनों को पूरा करने में हमेशा मेरी मदद की. मैं चाहती हूं कि हर वर्किंग वुमन के आसपास ऐसे लोग हों.
वर्किंग मदर हमेशा एक गिल्ट से गुजरती हैं कि वह बच्चों के लिए हमेशा मौजूद नहीं हैं,क्या आप भी इससे गुजरी हैं?
मैं कभी गिल्ट से नहीं गुजरी क्योंकि मैं अगर अपने शूटिंग सेट्स पर हूं,तो मेरे बच्चों के साथ मेरे माता -पिता या मेरी सास हमेशा होती थी. मुझे पता होता था कि वो मेरे बच्चों का बहुत खयाल रखेंगी. हां मैं अपने शूटिंग सेट्स पर अपने बच्चों को बहुत मिस करती हूं,लेकिन आजकल टेक्नोलॉजी के आ जाने के बाद चीज़ें आसान हुईं हैं. फेश टाइम के ज़रिए आप अपनों बच्चों से कनेक्ट रह सकते हैं. मैं अगर शूटिंग पर भी होती हूं,तो यह बात पूरी तरह से सुनिश्चित करती हूं कि वे स्कूल और कॉलेज से घर पहुंचे या नहीं. उन्होंने अपना खाना खाया या नहीं. यह सब मैं कॉल के ज़रिए पूछती ज़रूर हूं.
मज़ा मा फ़िल्म एक मां की कहानी है,फ़िल्म को करते हुए आपके जेहन में क्या चल रहा था?
मुझे अपनी मां की सबसे ज़्यादा याद आयी. मुझे महसूस हुआ कि मेरी वजह से मेरी मां ने कभी अपनी ज़िंदगी ना जी क्योंकि वह हमेशा मेरी फिल्मों के सेट पर होती थी फिर चाहे दिन हो या रात. कश्मीर में शूटिंग हो रही है या फिर साउथ में. उनकी अपनी कोई ज़िन्दगी नहीं थी. उन्होंने अपना पूरा समय मुझे ही दिया.
क्या आप अपने काम को घर ले जाती हैं,कोई किरदार आपके घर तक भी जाता है?
किरदार तो नहीं,लेकिन हां मूड ज़रूर घर तक जाता है. अगर मैंने कोई इंटेंस सीन किया है. उसके साथ बहुत रोना धोना किया है तो घर पर मैं पहुंचकर थोड़े समय के लिए चुप-चुप सी शांत सी रहती हूं,लेकिंन फिर बच्चों से मिलती हूं. वो पूछते हैं कि क्या हुआ और फिर सबकुछ भूल जाती हूं.
क्या फ़िल्म निर्देशन का भी सोचा है?
मैं निर्मात्री बन गयी हूं. दो प्रोजेक्ट्स प्रोड्यूस भी कर लिए हैं. निर्देशन में फिलहाल समय है,लेकिन एक दिन ज़रूर करूंगी. इस वक़्त मैं अपने एक्टिंग फेज को एन्जॉय कर रही हूं. बहुत ही अलग -अलग तरह के किरदार करने को मिल रहे हैं.
आपके दोनों बेटों में से क्या किसी का फिल्मों के प्रति रुझान है?
मेरे बड़े बेटे को फ़िल्म मेकिंग की ओर थोड़ा रुझान है,लेकिन वह फिल्मों में आएगा या नहीं. उसने अभी तक तय नहीं किया है. फिलहाल वह कॉलेज में है और कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहा है. उसकी रुचि उसमें भी है. एह मेरे साथ कभी-कभी मेरे डांस की रील्स में भी रहता है हालांकि डांसिंग में उसकी ट्रेनिंग नहीं हुई है. म्यूजिक ज़रूर उसने सीखा है.
आपके पति राम आपको स्पेशल फील करवाने के लिए क्या खास करते हैं?
कुछ खास कॉम्पलिमेंट तो नहीं,लेकिन हां वह सरप्राइज देने में माहिर हैं. मैं तो कभी उन्हें दे नहीं पाती हूं, मेरी तो शक्ल पर आ जाता है.