पश्चिम बंगाल में विभिन्न स्कूलों की परीक्षा से पहले हाल ही में माध्यमिक का टेस्ट पेपर प्रकाशित किया गया है. इस पर विवाद खड़ा हो गया है. आरोप है कि मालदा के एक स्कूल ने अपने प्रश्नपत्र में परीक्षार्थियों को भारत के नक्शे में ‘आजाद कश्मीर’ चिह्नित करने को कहा है. टेस्ट पेपर में यह प्रश्नपत्र शामिल है. मंगलवार को केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री ने इस पर सवाल खड़े किये हैं. हालांकि, स्कूल प्रबंधन का कहना है कि ‘आजाद कश्मीर’ को लेकर उन्होंने कोई गलती नहीं की है.
टेस्ट पेपर में मालदा के रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर के पेपर में यह सवाल पूछा गया है. आरोप है कि पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को ‘आजाद कश्मीर’ कहा गया है. इसे लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री सुभाष सरकार ने कहा, ‘इस मामले को राज्य के शिक्षा मंत्री को देखना होगा. इसके पीछे कौन लोग हैं, यह जानना होगा. आरोप अगर सही है, तो प्रकाशक के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी. यह अगर सच है तो राज्य की तुष्टीकरण नीति का यह परिणाम है. इससे अलगाववादियों को मदद मिलेगी.’
श्री सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से भी इसकी जांच करायी जायेगी. भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि ममता बनर्जी की सरकार अलगाववादियों की समर्थक है. वर्ष 2023 के टेस्ट पेपर में 132 नंबर पेज पर इतिहास के प्रश्न को देखें. पाक अधिकृत कश्मीर को आजाद कश्मीर के तौर पर चिह्नित किया गया है.
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कांग्रेस ने भी इस पर सवाल उठाया है. कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि शिक्षकों को ऐसे सवालों से दूर रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि आजाद कश्मीर पाकिस्तान में क्यों है, इसका लंबा इतिहास है. उन्हें लगता है कि ऐसे प्रश्नों से दूर रहना चाहिए. मालदा के रामकृष्ण मिशन विद्या मंदिर के प्रधान शिक्षक तर्पहारानंद ने कहा कि उनके माध्यमिक के टेस्ट पेपर को लेकर विवाद हुआ है. विद्यार्थियों के सामने उन्होंने केवल इतिहास रखा है. और कुछ नहीं.
उन्होंने यह भी कहा कि इसके जरिये बच्चों के मन में वह कोई नकारात्मक भावना पैदा नहीं करना चाहते. बच्चों में राष्ट्रवाद, देशप्रेम की भावना जागृत हो, यही स्वामीजी की भावना है. यही काम हम करते हैं. जो सच्चाई इतिहास के पन्नों में है, उसे ही सामने रखा गया है. सरकारी पुस्तक के आधार पर सवाल किया जाता है. उसी के मुताबिक पढ़ाई होती है. किताब से ही सवाल पूछा गया है.