UP के वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक पवित्र गायें हैं, कोई उनका मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता- मद्रास हाईकोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करते हुए तंज कसते हुए कहा कि, यूपी के वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक पवित्र गायें हैं, कोई उनका मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 22, 2021 9:04 AM

Varanasi News: भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर तमिलनाडु के वाडीपट्टी तक ‘पवित्र गायें ‘चरती हैं, और कोई भी उनका मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता. इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि संविधान ‘हंसने के कर्तव्य’ को लेकर भी एक संशोधन कर सकता है. पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा ‘परम परम पवित्र’ गाय होती है. मद्रास उच्च न्यायालय की बेंच ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति के खिलाफ फेसबुक पर फोटो पोस्ट करने के लिए दर्ज की गई प्राथमिकी को खारिज करते हुए की गई.

कैप्शन लिखने पर पुलिस ने लगा दिया चार्ज

दरअसल, एक व्यक्ति ने फेसबुक पोस्ट करते हुए तस्वीरों के साथ कैप्शन लिखा था, ‘शूटिंग अभ्यास के लिए सिरुमलाई की यात्रा,’. हालांकि व्यक्ति ने ये पोस्ट हल्के फुल्के मजाकिया अंदाज में की थी. जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने कहा कि अगर किसी व्यंग्यकार या कार्टूनिस्ट ने इस फैसले को लिखा होता तो वे संविधान के अनुच्छेद 51-ए में उप-खंड (एल) को शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव देते.

गायों का मजाक उड़ाने की किसी की हिम्मत नहीं – कोर्ट

कोर्ट ने आदेश में कहा कि मजाक करना एक अलह बात है और किसी का मजाक उड़ाना अलग बात है. उन्होंने कहा, ‘किस पर हंसे? यह एक गंभीर सवाल है. क्योंकि वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक पवित्र गायें चरती हैं. कोई उनका मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता.

Also Read: Varanasi News: पीएम मोदी का 23 दिसंबर को काशी आगमन, बनास डेयरी का देंगे तोहफा, इतने हजार लोगों को रोजगार तय
क्या था पूरा मामला

मद्रास हाईकोर्ट ने सीपीआई के उस पदाधिकारी के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द कर दी है, जिसने छुट्टियों की तस्वीरें अपलोड की थीं और उस पर कैप्‍शन दिया था, ‘शूटिंग प्रैक्टिस के लिए सिरुमलाई की यात्रा. जस्टिस जीआर स्वामीनाथन ने 62 वर्षीय आरोपी के खिलाफ एफआईआर को रद्द करते हुए कहा कि वाडीपट्टी पुलिस की ओर से दर्ज किया गया ‘राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने की तैयारी’ का मामला ‘बेतुका और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग’ है.

पुलिस ने कैप्शन लिखने पर दर्ज किया मामला

दरअसल, वाडीपट्टी पुलिस ने आरोपी याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 122 (राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने), और 507 (साजिश द्वारा आपराधिक धमकी) जैसे अपराधों के लिए मामला दर्ज किया था, जबकि व्यक्ति अपने परिवार के साथ दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए गया था.

कब लगती है धारा 507?

कोर्ट ने बताया कि धारा 507 तभी लगायी जा सकती है कि जब धमकी देने वाले व्यक्ति ने अपनी पहचान छुपाई है. इस मामले में याचिकाकर्ता ने अपने फेसबुक पेज पर कैप्शन के साथ तस्वीरें पोस्ट की. उन्होंने अपनी पहचान नहीं छुपायी. इसमें कुछ भी गुप्त नहीं है.’ अदालत ने आगे कहा, ‘प्राथमिकी दर्ज करना ही बेतुका और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है. इसे रद्द किया जाता है.’

Next Article

Exit mobile version