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बरेली जेल में बंद अशरफ के साले सद्दाम और लल्ला गद्दी की तलाश में छापेमारी,जेल के एक अफसर पर भी गिर सकती है गाज

बरेली जेल में बंद अशरफ के साले सद्दाम और लल्ला गद्दी की तलाश में छापेमारी जारी है. अशरफ 35 महीने पहले इलाहाबाद की नैनी जेल से बरेली जेल शिफ्ट हुआ था. उसका साला सद्दाम बरेली में रहकर अशरफ के लिए जेल में व्यवस्था कराता था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2023 6:04 PM
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बरेली. उत्तर प्रदेश की बरेली जेल में बंद माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साले सद्दाम और पूर्व मेयर प्रत्याशी लल्ला गद्दी की तलाश में पुलिस ने छापेमारी शुरू कर दी है. लेकिन, वह पुलिस के हाथ नहीं आ रहे हैं. उनकी लोकेशन पड़ोसी प्रदेश उत्तराखंड में होने की बात सामने आई है. इसके साथ ही एसएसपी/डीआईजी अखिलेश कुमार चौरसिया द्वारा गठित एसआईटी की जांच में कई अन्य लोगों के नाम सामने आएं हैं. उनकी तलाश में भी टीम लगी है. इसके साथ ही जेल के एक अफसर पर अशरफ को वीआईपी फैसिलिटी दिलाने का आरोप है. उसके खिलाफ कार्रवाई होने की उम्मीद है. इससे पहले जेल में बिना पर्ची मुलाकात कराने वाले जेल आरक्षी शिव हरि अवस्थी और सामान के साथ रुपये पहुंचाने वाले ऑटो चालक नन्हें उर्फ दयाराम को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.

जेल के एक अफसर पर भी गिर सकती है गाज

अशरफ 35 महीने पहले इलाहाबाद की नैनी जेल से बरेली जेल शिफ्ट हुआ था. उसका साला सद्दाम बरेली में रहकर अशरफ के लिए जेल में व्यवस्था कराता था. जेल चौकी के इंचार्ज की तरफ से अशरफ, उसके साले सद्दाम, पूर्व मेयर प्रत्याशी लल्ला गद्दी, जेल आरक्षी शिव हरि अवस्थी, ऑटो चालक नन्हें उर्फ दयाराम के खिलाफ पिछले दिनों बिथरी चैनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. इसके बाद जेल आरक्षी शिव हरि अवस्थी, ऑटो चालक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. मगर, बाकी की तलाश में पुलिस दबिश दे रही है. इस मामले में एसएसपी/ डीआईजी अखिलेश कुमार चौरसिया भी काफी गंभीर हैं. वह खुद दो बार जेल जा चुके हैं. उन्होंने अशरफ के साथ ही जेल के अधिकारियों और कर्मचारियों से भी बात की.

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प्रयागराज में घटना, लेकिन बरेली में हड़कंप

पिछले दिनों उमेश पाल की हत्या प्रयागराज में हुई थी. मगर, इसके बाद बरेली में हड़कंप मच गया है. बरेली में तैनात एक पूर्व अधिकारी ने मामला बरेली की तरफ मोड़ दिया है. यहां कई लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. कुछ और भी निशाने पर हैं.

उमेश-अतीक का समझौता, फिर हत्यारा कौन

बरेली में हर कोई एक ही सवाल पूछ रहा है. विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल माफिया अतीक के पक्ष में अदालत में बयान दे चुका था. इनके बीच समझौता भी हो चुका था. उमेश पाल की हत्या के बाद राजू पाल की पत्नी विधायक पूजा पाल भी दोनों के समझौते की बात कह चुकीं थी. मगर, इसके बाद भी उमेश पाल की हत्या किसने की. यह सवाल उठने लगे हैं. इसके पीछे किसी बड़ी साजिश की तरफ ऊंगली उठने लगी हैं.

मोबाइल से खुल रहे हैं राज

पुलिस ने आरक्षी शिव हरि अवस्थी और ऑटो चालक के गिरफ्तारी के बाद मोबाइल कब्जे में ले लिए थे. इन मोबाइल पर ही अशरफ के गुर्गे फोन कर लोगों की मिलाई कराते थे. इसमें फुरकान नवी और राशिद अली को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मगर, करीब दो दर्जन से अधिक लोग और भी निशाने पर हैं. मोबाइल के माध्यम से कुछ जेल के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद बरेली

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