बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के अफजाल शाम को गाजीपुर जेल से रिहा हो गए. इस दौरान सुरक्षा-व्यवस्था के तहत गाजीपुर जिला के बाहर कई थानों की फोर्स के अलावा भारी तदाद में पीएसी के जवान भी तैनात रहे. रिहाई के समय अफजाल के परिजन और समर्थक वाहनों के काफिले के साथ पहुंचे थे. जेल से निकलने के बाद पूर्व सांसद ने मीडिया से दूरी बनाई. मीडिया के सवाल पर उन्होंने अपनी तबियत ठीक बताते हुए बाद में बात करने की बात कही. साथ ही वाहन में बैठकर मुस्कुराते हुए लोगों का अभिवादन करते रहे. काफिला अंसारी परिवार के आवास फाटक के लिए रवाना हो गया.
प्रभारी जेल अधीक्षक राकेश वर्मा ने बताया कि गुरुवार को जमानत पत्र मिलने के बाद अफजाल अंसारी को रिहा कर दिया गया. ज्ञात हो कि 24 जुलाई को सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत अर्जी को मंजूर कर लिया. हालांकि, सजा पर रोक नहीं है. गुरुवार को जिला जेल प्रशासन को जमानत का पत्र मिला. इसके तुरंत बाद जिला जेल पर सुरक्षा बढ़ा दी गई. एक प्लाटून पीएसी के साथ काफी संख्या में फोर्स तैनात रही.
गौरतलब है कि पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट ने 29 अप्रैल को गैंगस्टर मामले में दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी. साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था. सजा सुनाए जाने के बाद अफजाल की संसद सदस्यता खत्म हो गई थी. अफजाल अंसारी की गाजीपुर जिला जेल की बैरक नम्बर दस में रखा गया था.
इस मामले में अफजाल ने अपने वकील के माध्यम से हाईकोर्ट इलाहाबाद में सजा पर रोक लगाने और जमानत अर्जी दाखिल की थी. मामले में हाईकोर्ट के जज राजबीर सिंह ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था लेकिन जमानत मंजूर कर ली. गुरुवार को जमानत संबंधी हाईकोर्ट का आदेश जिला जेल गाजीपुर पहुंचा. इसके बाद अफजाल को रिहा कराने की प्रक्रिया एसीजीएम की निगरानी में शुरू कर दी गई.
अफजाल को जेल से लेने के लिए उनके भतीजे मुहम्मदाबाद से सपा के विधायक शोहेब उर्फ मन्नू अंसारी पहुंचे. गाजीपुर जिला जेल में बंद होने के दौरान अफजाल अंसारी दो बार बीमार पड़े. एक बार उनका बीपी हाई के कारण डॉक्टरों की टीम ने जाकर जांच की थी. वहीं दूसरी बार में वह चक्कर खाकर गिर गए थे. डॉक्टरों ने जांच की थी, लेकिन सब सामान्य बताया था.
वहीं मऊ के पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडेय ने बताया कि माफिया मुख्तार अंसारी के तीन सहयोगियों को भू माफिया चिन्हित किया है. तीनों शातिर अपराधी हैं. उनपर अलग-अलग थानों में 26 मुकदमे दर्ज है. उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर चिन्हित माफिया मुख्तार अंसारी के गिरोह आईएस 191 के सहयोगी उमेश सिंह और राजेश कुमार सिंह पुत्र स्व. रामबृक्ष सिंह निवासी अहिलाद थाना सरायलखंसी के साथ गणेश दत्त मिश्रा पुत्र शिवशंकर मिश्रा निवासी श्रीराम कॉलोनी रौजा रजदेपुर थाना कोतवाली जनपद गाजीपुर को जनपद स्तर पर भू-माफिया चिन्हित किया गया है.
तीनों आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं. सरकारी जमीन पर कब्जा करना और अपराध के जरिये माफिया मुख्तार अंसारी गिरोह को सहयोग प्रदान करना इनका मुख्य पेशा है. पुलिस प्रशासन ने थाना प्रभारी शहर कोतवाली, दक्षिणटोला की आख्या और क्षेत्राधिकारी नगर की संस्तुती पर भू-माफिया चिन्हित किया गया है.
चिन्हित भू माफिया उमेश सिंह पर सरायलंखसी थाना में पांच, शहर कोतवाली में दो और आजमगढ़ जिले के तरवां थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं. जबकि राजेश सिंह पर सरायलंखसी थाना में चार, दक्षिण टोला थाना में तीन तो आजमगढ़ जिले के तरवा थाने में दो मुकदमे दर्ज हैं. वहीं गणेश दत्त मिश्रा पर दक्षिण टोला थाना में एक, शहर कोतवाली में चार तो गाजीपुर जिले के कोतवाली में तीन मुकदमे दर्ज हैं.
मऊ डीएम अरुण कुमार ने मुख्तार अंसारी के करीबी जाकिर हुसैन उर्फ विक्की का पेट्रोल पंप कुर्क करने का आदेश दिया है. गैंगस्टर एक्ट के तहत यह कार्रवाई की जा रही है. जाकिर हुसैन निवासी मुस्तफाबाद, जिला गाजीपुर माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्शा अंसारी के साथ अपराध से अर्जित धन से पेट्रोल पंप लिया है. यह ग्राम चकफरीद, तहसील जखनिया, गाजीपुर में स्थित है. इसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए कुर्क करने का आदेश जिलाधिकारी ने दिया है. यह पेट्रोल पंप वर्तमान समय में नायरा एनर्जी के नाम से है, जो 10000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में है. आरोपी के खिलाफ दक्षिण टोला थाने में आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.